कलम से-----
जीता वही है, जो जीता है,
मरते तो हम हर वक्त हैं।
इसको भी क्या जीना कहते है,
मरना भी इसे नहीं कहते हैं।
जीने मरने की यहां चल रही दुकान है,
कोई इसे जीना कोई मरना कह रहा है। — with आशीष कैलाश तिवारी and 35 others.
जीता वही है, जो जीता है,
मरते तो हम हर वक्त हैं।
इसको भी क्या जीना कहते है,
मरना भी इसे नहीं कहते हैं।
जीने मरने की यहां चल रही दुकान है,
कोई इसे जीना कोई मरना कह रहा है। — with आशीष कैलाश तिवारी and 35 others.

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