कलम से _ _ _ _
नैन क्या कह रहे हैं?
पहलू में बैठो आके
यह कह रहे है,
उलझी लटों को
सुलझाने तो दो,
आज वो कह लेने दो
होठों पर आके भी
निकल नहीं पाती
वो बात कह लेने दो ।
निगाहों को निगाहों
से मिलने तो दो
सीने से लगा के
इस दिल की सुनो
मुझे अपना नाम
दिल पर तुम्हारे
लिख लेने तो दो ।
होठों को होठों के
पास आने तो दो
फिर न कुछ बचेगा
कहने के काबिल
होठों को होठों पर
बस रहने तो दो ।
गरम सासों का
अहसास है ऐसा
जो भी बचा है
बस बह जाने दो
बह जाने दो, बह जाने दो ....
//surendrapal singh//
07262014
http://1945spsingh.blogspot.in/
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
नैन क्या कह रहे हैं?
पहलू में बैठो आके
यह कह रहे है,
उलझी लटों को
सुलझाने तो दो,
आज वो कह लेने दो
होठों पर आके भी
निकल नहीं पाती
वो बात कह लेने दो ।
निगाहों को निगाहों
से मिलने तो दो
सीने से लगा के
इस दिल की सुनो
मुझे अपना नाम
दिल पर तुम्हारे
लिख लेने तो दो ।
होठों को होठों के
पास आने तो दो
फिर न कुछ बचेगा
कहने के काबिल
होठों को होठों पर
बस रहने तो दो ।
गरम सासों का
अहसास है ऐसा
जो भी बचा है
बस बह जाने दो
बह जाने दो, बह जाने दो ....
//surendrapal singh//
07262014
http://1945spsingh.blogspot.in/
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
चले चलो अपने अपने घर चले चलो
ReplyDeleteदुनियां जिसे पसंद करे उसे वो दे चलो।