कलमसे____
जिस काल चक्र के समक्ष खडे
हम यह फोटो खिचंवा रहे हैं
भारत के गौरव की
अजीबोगरीब इतिहास की
मष्तिष्क को झकझोर देने वाली कहानी है।
कोणार्क मात्र एक मंदिर नहीं
उडिया लोगों की बहादुरी
रण कौशल की कहानी है
कितना विशाल ह्रदय होगा
कितना महान वह शासक होगा
जिसने मंदिर बनवाने की ठानी थी।
पूरब दिशा में
समुद्र से उगते हुये
सूर्य भगवान को देखा था
चतुर्भुज राज्य का सपना सजोया था।
सूर्य देवता
अपने बारह पहिये के रथ पर हो सवार
पूर्व दिशा में धरती से आकाशगंगा की ओर जाते हुए
इतने भव्य रूप की कल्पना करना मुश्किल हो
उसे मूर्त रूप देना
उतना ही कठिन रहा होगा।
स्थापत्य कला का सुदंर उदाहरण है
कोणार्क पूजा का मंदिर तो न बन सका
पूरबी समुद्र तट पर पुरी के निकट स्थित
साहस और कौशल का नायाब नमूना है।
जीवन के हर रंग रूप इसमें सजते हैं
नर नारी यहां हर रूप में दिखते हैं।
सूर्य भगवान यहां सप्त अश्व रथ पर सवार दिखते हैं,
भव्य दर्शन अपने भक्तों को देते महसूस होते हैं।
The words of the poet Ravindra Nath Tagore summerises some part of the truth about this great structure:
"The language of man is here defeated by the language of stone."
//surendrapalsingh//
07 29 2014
http://1945spsingh.blogspot.in/
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Ramaa Singh and Puneet Chowdhary.
जिस काल चक्र के समक्ष खडे
हम यह फोटो खिचंवा रहे हैं
भारत के गौरव की
अजीबोगरीब इतिहास की
मष्तिष्क को झकझोर देने वाली कहानी है।
कोणार्क मात्र एक मंदिर नहीं
उडिया लोगों की बहादुरी
रण कौशल की कहानी है
कितना विशाल ह्रदय होगा
कितना महान वह शासक होगा
जिसने मंदिर बनवाने की ठानी थी।
पूरब दिशा में
समुद्र से उगते हुये
सूर्य भगवान को देखा था
चतुर्भुज राज्य का सपना सजोया था।
सूर्य देवता
अपने बारह पहिये के रथ पर हो सवार
पूर्व दिशा में धरती से आकाशगंगा की ओर जाते हुए
इतने भव्य रूप की कल्पना करना मुश्किल हो
उसे मूर्त रूप देना
उतना ही कठिन रहा होगा।
स्थापत्य कला का सुदंर उदाहरण है
कोणार्क पूजा का मंदिर तो न बन सका
पूरबी समुद्र तट पर पुरी के निकट स्थित
साहस और कौशल का नायाब नमूना है।
जीवन के हर रंग रूप इसमें सजते हैं
नर नारी यहां हर रूप में दिखते हैं।
सूर्य भगवान यहां सप्त अश्व रथ पर सवार दिखते हैं,
भव्य दर्शन अपने भक्तों को देते महसूस होते हैं।
The words of the poet Ravindra Nath Tagore summerises some part of the truth about this great structure:
"The language of man is here defeated by the language of stone."
//surendrapalsingh//
07 29 2014
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