कलम से ........
पतझड के बाद,
नई कोपलै आने लगीं है,
पेडौ पर रंगत आने लगी है,
अगंडाई मौसम मे छाने लगी है।
दुपहरी गरम अब होने लगी है,
हवाऔ का रुख भी बदलने लगा है,
न बदला औरन बदलेगा,
बस एक ऊनका रुख,
उम्मीदेवफा भी जबाब देने लेगी है। — with Ramaa Singh.
पतझड के बाद,
नई कोपलै आने लगीं है,
पेडौ पर रंगत आने लगी है,
अगंडाई मौसम मे छाने लगी है।
दुपहरी गरम अब होने लगी है,
हवाऔ का रुख भी बदलने लगा है,
न बदला औरन बदलेगा,
बस एक ऊनका रुख,
उम्मीदेवफा भी जबाब देने लेगी है। — with Ramaa Singh.
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