Saturday, July 12, 2014

याद है तुम्हें वो बचपन की बातें

कलम से----

18-05-2014

याद है तुम्हें वो बचपन की बातें,
माचिस की डिबिया का टेलीफोन, 
धागे से जोडा था,
हमने वो टेलीफोन,
करता था,
हमें जोडने का जो काम,
हमारी तुम्हारी बीच की वो लम्बी बातें,
और वो टेलीफोन।

सत गुट्टे का खेल,
छपाक से चिपकती थी,
पीठ पै वो किरमिच की गेंद,
कंचौ को गुच्ची मे फैकना,
पैसों की खनखनाहट,
सिल्ली से बना रंगीन बर्फ का गोला,
बुढिया के रंग बिरंगे बाल,
कागज की कश्ती और हवाई जहाज,
तुम्हरा वो रस्सी कूदना,
और भी न जाने वो बचपन के खेल,
याद है तुम्हें वो बचपन की बातें------

सर्दियों के दिनों,
धूप सेकना,
सर्दी जब लगे,
भाग के भीतर आना,
रजाई में घुस जाना,
बोलो तुम्हे कुछ याद है,
कुछ याद है।

याद है तुम्हें वो बचपन की बातें-----

अगर नहीं याद आता है तुमको,
बोलो चलोगी क्या तुम साथ मेरे,
चलो खेलें वो बचपन के खेल,
जीले हंसले और रोले,
रोते रोते जीले,
हंसते हंसते रोले और खेलें,
वो बचपन के दिन,
याद है तुम्हें वो बचपन की बातें----
 — with आशीष कैलाश तिवारी and 34 others.

Photo: कलम से----

18-05-2014

याद है तुम्हें वो बचपन की बातें, 
माचिस की डिबिया का टेलीफोन, 
धागे से जोडा था, 
हमने वो टेलीफोन,
करता था, 
हमें जोडने का जो काम,
हमारी तुम्हारी बीच की वो लम्बी बातें,
और वो टेलीफोन।

सत गुट्टे का खेल,
छपाक से चिपकती थी, 
पीठ पै वो किरमिच की गेंद, 
कंचौ को गुच्ची मे फैकना,
पैसों की खनखनाहट,  
सिल्ली से बना रंगीन बर्फ का गोला,
बुढिया के रंग बिरंगे बाल,
कागज की कश्ती और हवाई जहाज,
तुम्हरा वो रस्सी कूदना, 
और भी न जाने वो बचपन के खेल, 
याद है तुम्हें वो बचपन की बातें------

सर्दियों के दिनों,
धूप सेकना,
सर्दी जब लगे, 
भाग के भीतर आना, 
रजाई में घुस जाना, 
बोलो तुम्हे कुछ याद है,
कुछ याद है।

याद है तुम्हें वो बचपन की बातें-----

अगर नहीं याद आता है तुमको,
बोलो चलोगी क्या तुम साथ मेरे,
चलो खेलें वो बचपन के खेल, 
जीले हंसले और रोले,
रोते रोते जीले,
हंसते हंसते रोले और खेलें, 
वो बचपन के दिन,
याद है तुम्हें वो बचपन की बातें----
  • Ajay Kumar Misra Sir. Aisa laga ki bachpan laut aaya. Bahut achha likha.
  • Bhawesh Asthana कोई लौटा दे मेरे हुए दिन
  • Bhawesh Asthana कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
  • Javed Usmani बहुत उम्दाSee Translation
  • Sharad Rai · Friends with Anil K Garg
    बहुत सुन्दर
  • Sudhir Mohan अति उत्तम !!See Translation
  • Ram Saran Singh मासूम हो चला था तसल्ली से हाले दिल, फिर याद आ के तूने बदस्तूर कर दिया । आपने तो 55 साल पीछे पहुँचा दिया । यह वो वक़्त था जब दिल बेदाग़ था, सब अपने लगते थे । अपना-पराया उस समय के शब्दकोश में था ही नहींं
  • Ramaa Singh Ram Saran Singh: आप के comments की शब्दावली इतनी खूबसूरत होतीं है कि मन को पढ़ने का बेसब्री से इन्तजार रहता है। धन्यवाद
  • Ram Saran Singh प्रियवर, मैं भी आपके आस-पास का रहने वाला हूँ । रोज़ी-रोटी की तलाश ने कहीं सेे कहीं पहँुचा दिया । आपके स्नेह सिक्त शब्द मेरे लिए बहुत हैं ।
  • BN Pandey SIR ES RACHANA KE LIYE EK BARA SALUTE TO BANATA HAI. LAGATA HAI ES TARAH KI INOCENT BACHPAN KI RACHANAYE PARHNE KO MILTA RAHE TO HUM SUB RE-CHAGE HOTE JAYENGE.
  • Nisha Singh सराहनीय ,,जा -जा के रुत लौट आये,हायरे वो दिन क्यों ना आयेSee Translation
  • Puneet Chowdhary Sir indeed emotional lines makes one nostalagic and rewinds cassette of yr life.wonderful
  • Rajani Bhardwaj mujhe to resha resha yaad hai jindgi ka hr pal par tum hi usme mujhe gunthna bhool gye................khubsurat yadon ki behtreen ibarat
  • S.p. Singh Ram Saran Singh: यह जानकर अच्छा लगा कि आप भी हमारे यहाँ के आसपास के हैं। सटीक कमेन्ट करने का गुण आपसे सीखना पडेगा। रचना पसंद आई अच्छा लगा। धन्यवाद।
  • S.p. Singh मुझे तो रेशा रेशा--------- बहुत ही सुंदर। कम शब्दों में बडी बात।हृदय से धन्यवाद।
  • Rajani Bhardwaj S.p. Singh .........safak ek resha hi to hota h rishte ka beech me hmesha.....aisa main sochti hun....shukriya
  • आशीष कैलाश तिवारी 'वो नदी का किनारा 
    जिसमे बचपन गुजारा
    वो लड़कपन हमारा
    रोज पनघट पे जाना,,,,,
    See Translation
  • Suresh Chadha Bahoot khub
    Bachpan yad a gaya
  • SN Gupta बचपन के किस्सों में .. राजा थे रानी थी ... अब न वो बचपन है ... न राजा रानी... अब न वो किस्से .... न बातें पुरानी.बचपन के दिन तो होते ही ऐसे हैं कि हर कोई चाहता है उन मासूम दिनों में लौटना और फिर से जीना बचपन को चाहे कुछ देर के लिये ही सही ,बहुत सुन्दर सहज आँखें नम करती कविता ,साधुवाद एस पी सिंह साहब !
  • S.p. Singh आपका आशीर्वाद मैने हृदय से ग्रहण किया। बहुत बहुत धन्यवाद। आप तो जाने माने कवि हैं, हम तो बस ऐसे ही दिल की बात कहने का प्रयास ही करते है। आपके शब्द बहुत दिनों तक कान में मधुर घंटियां बजाते रहेगें। हार्दिक धन्यवाद।
  • Jayshree Verma Child hood days ki memories ko taaza kar diya aapne.

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