Thursday, July 31, 2014

सुप्रभात मित्रों। 08 01 2014

Good morning friends.
सुप्रभात मित्रों।
08 01 2014

मैं राह भटक
कल कुछ समय को 
रुक गया था
यहाँ
तभी बरस गया था
उमस भरी शाम
छोड गया था।

आसुओं को बहते देखा
मालिन में पहाड खिसकते देखा
देखा है सैकडों को दबे हुए
हर जगह तबाही के
मंजर को पसरे हुए
देखा है कुछ ऐसा
जो दुबारा देखना न पडे।

कल देर रात
बादल क्या फटा
दो चार जिंदगियां साथ ले गया
किसी का घर लुट गया
कोई बेसबब ही मर गया।

क्यों ऐसै आते हो
अपने पीछे ये कहानियां
छोड जाते हो
अरे आओ थोडा सुस्ताओ
किसी का गम बांटो
किसी को सहलाओ
जिनकी आँखें नम हैं
तसल्ली दे जाओ
कुछ बहुत प्यासे बैठे हैं
उन्हैं थोडा पानी पिला जाओ
जो आकाश को निहार रहे हैं
ऊनके आंगन बरस जाओ
कितनी उम्मीद रहती है
आस तुमसे बंधी रहती है
अब और बस न यूँ ही तडपाओ
जहां जितनी जरूरत है
बस उतने बरस जाओ।
Photo: Good morning friends.
सुप्रभात मित्रों।
08 01 2014

मैं राह भटक 
कल कुछ समय को 
रुक गया था 
यहाँ 
तभी बरस गया था
उमस भरी शाम 
छोड गया था।

आसुओं को बहते देखा
मालिन में पहाड खिसकते देखा
देखा है सैकडों को दबे हुए
हर जगह तबाही के 
मंजर को पसरे हुए 
देखा है कुछ ऐसा
जो दुबारा देखना न पडे।

कल देर रात
बादल क्या फटा
दो चार जिंदगियां साथ ले गया
किसी का घर लुट गया
कोई बेसबब ही मर गया।

क्यों ऐसै आते हो
अपने पीछे ये कहानियां
छोड जाते हो
अरे आओ थोडा सुस्ताओ
किसी का गम बांटो
किसी को सहलाओ
जिनकी आँखें नम हैं
तसल्ली दे जाओ
कुछ बहुत प्यासे बैठे हैं
उन्हैं थोडा पानी पिला जाओ
जो आकाश को निहार रहे हैं
ऊनके आंगन बरस जाओ
कितनी उम्मीद रहती है 
आस तुमसे बंधी रहती है
अब और बस न यूँ ही तडपाओ
जहां जितनी जरूरत है
बस उतने बरस जाओ।
  • Puneet Chowdhary Good mg very sad and true description sir
    5 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh Good morning. How come you're up so early today?
  • Brahmdeo Prasad Gupta good morning,nice morning thoughts.
  • S.p. Singh Thanks Gupta ji. good mng.
  • Sp Dwivedi अमन-चैन के वादे सदा तुमने किये .
    बहुत सुन्दर उपालम्भ
    3 hours ago · Unlike · 1
  • Arun Sharma राम राम जी सरSee Translation
    3 hours ago · Unlike · 1
  • Harihar Singh राधे राधे शुभ प्रभातSee Translation
    3 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh देर भई नंद लाला। आज सुबह देर से हुई लागे है। सुप्रभात।
  • Gian Chand Pawar जय श्री कृष्णा
    3 hours ago · Unlike · 1
  • Rajan Varma 'कहीं बरस कर भी नहीं बरसता अौर कहीं फ़ट कर कर बरस पड़ता है, आदत ये इसकी पुरानी है; कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ लाना ये इसकी आदत में शुमार है- जिसे दार्शनिक अौर कवि कहते हैं 'कुदरत के रंग'- पड़ते हैं हो वो इंसानियत पर भारी कुछ इस कद़र कि 'देखे हैं तबाही के मंज़र पसरे कुछ इस कदर, सैंकड़ों घर-बेघर हुये पल-भर';- केदारनाथ त्रासदी भूलती नहीं, मानो कल ही की बात हो- सुप्रभात सर
    3 hours ago · Unlike · 3
  • Suresh Chadha Suprabhatam Sabi Mitro Ko 
    Waha re kudrat ka khel .kahi khushi kahi gam .sir .ji
    See Translation
    2 hours ago · Unlike · 1
  • Ram Saran Singh महोदय ! प्रकृति के साथ हम सबको जीना है । लेकिन प्रकृति क्रूर है, निर्मम है, करुणा के आँसू नहीं हैं इसमें । परंतु मानव का कोई वंश भी तो नहीं । हाँ आपने बादलों से बड़ी मार्मिक याचना की है । शायद उनका दिल पिघल जाए । धन्यवाद ।
    2 hours ago · Unlike · 2
  • Arun Kumar Singh शुभ प्रभात सर
  • BN Pandey BAADAL FATATAA HAI KAHI, TUTE KAHI PAHAAR SAARI KUBAT LOG KI KUDARAT LETI JHAAR..........KUDARAT LETI JHAAR HAMAARI NAKSHE BAAZI, HO JAATI NAAKAAM AAJ KI TECHNOLOGY........ KHUD KO TURMAN KHAAN SAMJHATE HAI JO PAAGAL JHATAKE ME AUKAAT NAAP LETAA HAI BAADAL..
  • Sp Tripathi सुप्रभातम् ।।See Translation

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