Sunday, July 13, 2014

दूर बहुत दूर जाने का, मन पक्का कर लो !

कलम से ....

दोस्तों,
दूर बहुत दूर जाने का,
मन पक्का कर लो,
नासा के साइंसदानो,
एक नयी धरती ढूँढ जो ली है।

यहाँ अब क्या बचा है,
जो भी है बस नुचाखुचा है,
सब लोगों ने हाथ अजमाए है,
चीराफाडा है अब मूलरूप का कुछ बचा नहींहै,
यहाँ तक कि लोगों का दिल भी बदल दिया है।

बहुत हो चुकी खींचा खीची,
मानवता अब बची नहींहै ।

टिकट कट रही है,
नयी धरती पर जाने की,
महँगी बहुत टिकट है,
सीटों की भी कमी है,
इसलिए नयी शतॆ लगी है,
ऊपर बस वो जा पाऐगा,
भगवान को जिसने छला नहींहै ।
 — with आशीष कैलाश तिवारी and 19 others.
Photo: कलम से ....

दोस्तों,
दूर बहुत दूर जाने का,
मन पक्का कर लो,
नासा के साइंसदानो,
एक नयी धरती ढूँढ जो ली है।

यहाँ अब क्या बचा है,
जो भी है बस नुचाखुचा है,
सब लोगों ने हाथ अजमाए है,
चीराफाडा है अब मूलरूप का कुछ बचा नहींहै,
यहाँ तक कि लोगों का दिल भी बदल दिया है।

बहुत हो चुकी खींचा खीची,
मानवता अब बची नहींहै ।

टिकट कट रही है,
नयी धरती पर जाने की,
महँगी बहुत टिकट है,
सीटों की भी कमी है,
इसलिए नयी शतॆ लगी है,
ऊपर बस वो जा पाऐगा,
भगवान को जिसने छला नहींहै ।

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