कलम से _ _ _ _
मइय्या री
झूला डलवायदे सावन आय गयौ है
कान्हा झूलन कों गोपिन ने बुलाय लये हैं
राधा प्यारी
राह तकत है नैन वाके सुजाय गये हैं
कल्लि सबेरे,
सखियाँ संग रास रचाइवे कूं गिरधारी आय रहे हैं
अम्मा मेरी,
तू सुनले
झूला डलवायदे राधेश्याम पधार रहे हैं।
आओ सखी करौ तैयारी
फूल चुन लियाओ
हार सिगांर ऐसौ करिऔ
मनभावन मेरे कान्हा कौ
देखि सिब बोलें मन हरलीनौ
राधारानी के गोपाला ने।
बलिहारी मैं जाऊं
कहि उठें सिग लोग लुगाई
जै हो राधे श्री की और कन्हाई लाल की।
राधे राधे कहत कहत देखत हैं मूरत यशोदा लाल की
किशन कनहाई राधा संग झूलेलाल की।
//surendrapal singh//
07172014
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with आशीष कैलाश तिवारी and 47 others.
मइय्या री
झूला डलवायदे सावन आय गयौ है
कान्हा झूलन कों गोपिन ने बुलाय लये हैं
राधा प्यारी
राह तकत है नैन वाके सुजाय गये हैं
कल्लि सबेरे,
सखियाँ संग रास रचाइवे कूं गिरधारी आय रहे हैं
अम्मा मेरी,
तू सुनले
झूला डलवायदे राधेश्याम पधार रहे हैं।
आओ सखी करौ तैयारी
फूल चुन लियाओ
हार सिगांर ऐसौ करिऔ
मनभावन मेरे कान्हा कौ
देखि सिब बोलें मन हरलीनौ
राधारानी के गोपाला ने।
बलिहारी मैं जाऊं
कहि उठें सिग लोग लुगाई
जै हो राधे श्री की और कन्हाई लाल की।
राधे राधे कहत कहत देखत हैं मूरत यशोदा लाल की
किशन कनहाई राधा संग झूलेलाल की।
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