Saturday, July 12, 2014

आज भोर की चाय-------

कलम से-'-'-

आज भोर की चाय-------

रोज रोज बिकने को बाजार आते है,
पता नही किस किस के गुनहगार है,

------------------खरीदे नहीं, जाते है।
Photo: कलम से-'-'-

आज भोर की चाय-------

रोज रोज बिकने को बाजार आते है,
पता नही किस किस के गुनहगार है,  
 
  ------------------खरीदे नहीं, जाते है।

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