कल की ही तो है, बस यूँही चलते फिरते बाजार मे, एक पुराने सहभागी से मुलाकात हो गयी। हालचाल लेने-देने के बाद, वह बोले अब तो पुराने लोगों से बस फेसबुक पर मुलाकात होती है, साथ उठना बैठना तो दूर की बात हो गयी है।
फिर बोले आप तो बहुत ही अच्छा लिखते है, कुछ और करिए....
मन मेरे एक बात ऊठी, कही नही,पर लगा कि कभी वो भी "हमकही" को कभी like करते....हमारा भी दिल रखते ।
आज अपनी "बतकही" बस उनके नाम..........अनिल गर्ग जिनका नाम.
कलम से....
आज सुबह सुबह उनसे मुलाकात हो गयी,
फिर बोले आप तो बहुत ही अच्छा लिखते है, कुछ और करिए....
मन मेरे एक बात ऊठी, कही नही,पर लगा कि कभी वो भी "हमकही" को कभी like करते....हमारा भी दिल रखते ।
आज अपनी "बतकही" बस उनके नाम..........अनिल गर्ग जिनका नाम.
कलम से....
आज सुबह सुबह उनसे मुलाकात हो गयी,
जो कभी रहते थे अपने धर के पिछवाडे,
बोले यार कहाँ खो गये थे
कहाँ गायब हो गये थे
रोज मिलते मिलाते,
कहा मैंने भी उनसे कुछ ऐसे
चला गया था इक हसीना के पीछे दिल लगाते लगाते,
कैसा रहा एक्सपीरयेस लगाने के दिल का, पूछा जो उसने
अनायास ही निकला मेरी जुवाँ से,
नहीं रास आया मुझे ऐ दिल का ए देना दिलाना,
है राह बहुत ही मुश्किल,
दिल की तंग गलियों मै
चलना चलाना ।
मै और मेरी जिन्दगी यूँही
गुजरेगी किसी की मुहबबत बिना बहुत अछी,
मै यूही बहुत खुश हूँ
और खुश ही रहूंगा,
तूमसे बस मिलते मिलाते । — with SN Gupta and 3 others.
बोले यार कहाँ खो गये थे
कहाँ गायब हो गये थे
रोज मिलते मिलाते,
कहा मैंने भी उनसे कुछ ऐसे
चला गया था इक हसीना के पीछे दिल लगाते लगाते,
कैसा रहा एक्सपीरयेस लगाने के दिल का, पूछा जो उसने
अनायास ही निकला मेरी जुवाँ से,
नहीं रास आया मुझे ऐ दिल का ए देना दिलाना,
है राह बहुत ही मुश्किल,
दिल की तंग गलियों मै
चलना चलाना ।
मै और मेरी जिन्दगी यूँही
गुजरेगी किसी की मुहबबत बिना बहुत अछी,
मै यूही बहुत खुश हूँ
और खुश ही रहूंगा,
तूमसे बस मिलते मिलाते । — with SN Gupta and 3 others.
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