कलम से _ _ _ _
राधा चल रयी आगें आगें,
पीछे चलि रये रास बिहारी,
ताके पीछे गोप गोपियां सारे,
बोल रये जै राधेश्याम की।
कान्हा आन न दें कोऊ पीछें,
दूर राखि रये राधे की झांईं सों,
इतनी श्रद्धा भाव कौन रखैगौ,
लाडली को ध्यान कौन धरेगौ।
राधे राधे कहि सिग पीछे भाज रये हैं,
रज मिल जाय कनहाई संग चाह रये हैं।
//surendrapal singh//
07252014
http://1945spsingh.blogspot.in/
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/ — with Puneet Chowdhary.
राधा चल रयी आगें आगें,
पीछे चलि रये रास बिहारी,
ताके पीछे गोप गोपियां सारे,
बोल रये जै राधेश्याम की।
कान्हा आन न दें कोऊ पीछें,
दूर राखि रये राधे की झांईं सों,
इतनी श्रद्धा भाव कौन रखैगौ,
लाडली को ध्यान कौन धरेगौ।
राधे राधे कहि सिग पीछे भाज रये हैं,
रज मिल जाय कनहाई संग चाह रये हैं।
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