कलम से _ _ _ _
15th July, 2014
कन्हाई
अबके सावन
जो तुम आओगे
नांय तोहे छोडूंगी
अखिंयन की बारिशन में
तोहे भिजोय दूंगी,
जब तेरी अखियां
मुझसी बह निकसेंगी
आँचल सों तब मैं पौछूॅगी।
आऔगे मेरे श्याम, मेरे गिरधारी,
अइयो, बुलाय रयी है राधा प्यारी।
//surendrapalpalsingh//
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html — with आशीष कैलाश तिवारी and 47 others.
15th July, 2014
कन्हाई
अबके सावन
जो तुम आओगे
नांय तोहे छोडूंगी
अखिंयन की बारिशन में
तोहे भिजोय दूंगी,
जब तेरी अखियां
मुझसी बह निकसेंगी
आँचल सों तब मैं पौछूॅगी।
आऔगे मेरे श्याम, मेरे गिरधारी,
अइयो, बुलाय रयी है राधा प्यारी।
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