कलम से ____
कहावत है, यह पुरानी कि
जिस इमारत की नींव मे बसती है नमी,
वह जल्दी ही हो जाती है खराब,
और बढ जाता है खतरा,
ऊसके गिर जाने का।
अभी तो हुए है चंद साल ही हुऐ है,
अपने लोकतंत्र के इस सूर्यमहल को,
इस अभी बहुत चलना है,
आगे बढ़ना है,
लोगों की आशाऔ को,
आकाझांऔं को पूरा जो करना है।
कैसे होगा गरीब किसान का सपना,
कब वह भी कह सकेगा,
इस उज्ज्वल भारत को अपना ।
क्यों रातों रात,
अमीर बन जाने की होड़ लगी है,
क्यों सब से आगे बढ,
जाने की रेस लगी है,
कयों महसूस नहीं करते,
जाएगा सब छूट यहाँ,
खाली हाथ आया था,
खाली हाथ आयेगा,
सब रह जाएगा यहाँ ।
ए खुदा के बंदे कर ले इवादत,
कर ले यहाँ,
कल का खयाल रख,
जिस के लिए तू मर रहा है यहाँ।
अपना कुछ भला देख,
सपना अच्छा कल का देख,
एक बीज बो कुछ खाद पानी दे,
ऐक अच्छा वृझ कल को दे,
हरियाली होगी चहुंओर,
खुदबखुद नाच ऊठेगा,
तेरे मन का मोर।
ए मेरे नेताओं उठो,
समझ लो इस मर्म को,
नहीं तो बहुत पछताओगे,
जब पकड़े जाओगे,
तब किस किस को समझाओगे ?
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