26th June, 2014
मानव जीवन भगवान की सबसे सुंदर देन है,
पाकर इसको क्यों कुछ लोगां गमगीन हैं।
मै जिस परिवेश से आया हूँ,
विशिष्ट नहीं, है साधारण,
फिर भी अदभुद,
और मैं संवेदनशील हूँ,
गुण यही कुछ मुझे अलग थलग रखेंगे,
पहचान मेरी बनाने में मदद करेंगे।
जी रहा जीवन के सुंदर पल मैं,
इस पडाव पर आकर,
लोग हार थक जब बैठ जाते हैं,
तुम्हारी यादें मेरा मन बहलाती हैं,
हर रोज नई सोच जाग्रत होती है,
मुझे तुम्हारे और करीब ले आती है,
अंकुरित होने लगता है एक बीज,
प्रेम कविता बन फूट पडती है।
मै लेने देने में करता विश्वास नहीं,
लिखता जो हूँ मैं शीघ्र पहुँचे तुम तक,
इसके लिए परेशान रहता हूं,
आऊंगा, लाऊंगा फिर दे जाऊंगा,
जो बन पडेगा उतना कर जाऊंगा,
कोशिश रहे मेरी मन तेरा हर पाऊँगा।
इस मानव जीवन को जी,
मैं सार्थक कर जाऊंगा,
क्योंकि,
मानव जीवन ही भगवान की सबसे सुंदर देन है। — with आशीष कैलाश तिवारी and 10 others.
पाकर इसको क्यों कुछ लोगां गमगीन हैं।
मै जिस परिवेश से आया हूँ,
विशिष्ट नहीं, है साधारण,
फिर भी अदभुद,
और मैं संवेदनशील हूँ,
गुण यही कुछ मुझे अलग थलग रखेंगे,
पहचान मेरी बनाने में मदद करेंगे।
जी रहा जीवन के सुंदर पल मैं,
इस पडाव पर आकर,
लोग हार थक जब बैठ जाते हैं,
तुम्हारी यादें मेरा मन बहलाती हैं,
हर रोज नई सोच जाग्रत होती है,
मुझे तुम्हारे और करीब ले आती है,
अंकुरित होने लगता है एक बीज,
प्रेम कविता बन फूट पडती है।
मै लेने देने में करता विश्वास नहीं,
लिखता जो हूँ मैं शीघ्र पहुँचे तुम तक,
इसके लिए परेशान रहता हूं,
आऊंगा, लाऊंगा फिर दे जाऊंगा,
जो बन पडेगा उतना कर जाऊंगा,
कोशिश रहे मेरी मन तेरा हर पाऊँगा।
इस मानव जीवन को जी,
मैं सार्थक कर जाऊंगा,
क्योंकि,
मानव जीवन ही भगवान की सबसे सुंदर देन है। — with आशीष कैलाश तिवारी and 10 others.

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