Sunday, August 10, 2014

शुभ्र धवल वस्त्र धारण किए

कलम से____

शुभ्र धवल वस्त्र धारण किए
हँस हँसिनी के युगल से लगे
दूर से पास मेरी ओर आते हुए
मनमोहक स्वरूप धरे हुए।

पास आ बैठ वो जब गए
प्रश्न मन मेरे अनेक उठ गए
पूछ बैठा कहाँ निवास है
बोले आपके ही पास है।

साहस कर फिर पूछा पता क्या है
रहते हैं हम सबके मन यही पता है
दुबारा देखा वहाँ कोई भी नहीं था
लगा मुझे मेरी आँखों का भ्रम था।

वो हर समय यहाँ वहाँ रहता है
आसपास ही वह हमारे रहता है।

//surendrapal singh//
08 09 2014

http://1945spsingh.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से____

शुभ्र धवल वस्त्र धारण किए
हँस हँसिनी के युगल से लगे
दूर से पास मेरी ओर आते हुए
मनमोहक स्वरूप धरे हुए।

पास आ बैठ वो जब गए
प्रश्न मन मेरे अनेक उठ गए
पूछ बैठा कहाँ निवास है
बोले आपके ही पास है।

साहस कर फिर पूछा पता क्या है
रहते हैं हम सबके मन यही पता है
दुबारा देखा वहाँ कोई भी नहीं था
लगा मुझे मेरी आँखों का भ्रम था।

वो हर समय यहाँ वहाँ रहता है
आसपास ही वह हमारे रहता है।

//surendrapal singh//
08 09 2014

 http://1945spsingh.blogspot.in/

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