Saturday, August 16, 2014

यह कहानी है बडी निराली जो जा रहा हूँ मैं आज सुनाने आपको।

कलम से____

मित्रों,
यह कहानी
है बडी निराली
जो जा रहा हूँ मैं
आज सुनाने आपको।

बिहार का था
एक परिवार
जीवन यापन
कैसे होगा
आगे कैसे चलेगा
कर रहा था
गहन सोच विचार।

सपने मैं एक रात
कोई आया
उसने था यह सुझाया
अब न हो पाएगा
कुछ यहाँ तेरा
घर जमीन जो भी है
तेरी चली जाएगी
गंगा मइय्या की
भेंट चढ़ जाएगी
बचेगा कुछ नहीं
जिसे तू अपना कह पाएगा
जा छोड चला जा
मथुरा या काशी।

अगले दिन ही
उसने ऐलान कराया
जो था उसका अपना
अब हुआ पराया
जो देगा अच्छे दाम
उसका होगा मेरा धाम।

बेच बाच सबकुछ
वह आया वृन्दावन
मन बसा लिया था
उसने बृजनन्दन
एक भव्य मन्दिर
उसने बनबाया
बिठा अपने ठाकुर को
मन ही मन मुस्काया।

वाकेंबिहारी की बलिहारी
जीवन उसका चल निकला
आता हर रोज चढ़ावा
पेट सभी का भरता
दिन में रौनक रहती थी
रात में रासलीला होती थी
कान्हा और राधा सखियन संग आते थे
हर रोज भक्त वहाँ श्रद्धालु पुष्प चढ़ाते थे।

भक्ति भाव ने जीवन उद्धार किया
एक पीढ़ी का ही नहीं
आने वाली कई पीढ़ियों बेडापार किया
आज परिणाम है दिखता
राधे राधे कर
उनका जीवन है कटता
काम न कुछ करना पडता
श्रद्धाभाव से ही जीवन है चलता।

राधे राधे। जै श्रीराधे। राधे राधे।

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से____

मित्रों,
यह कहानी
है बडी निराली
जो जा रहा हूँ मैं
आज सुनाने आपको।

बिहार का था
एक परिवार
जीवन यापन
कैसे होगा
आगे कैसे चलेगा
कर रहा था
गहन सोच विचार।

सपने मैं एक रात
कोई आया
उसने था यह सुझाया
अब न हो पाएगा
कुछ यहाँ तेरा
घर जमीन जो भी है
तेरी चली जाएगी
गंगा मइय्या की 
भेंट चढ़ जाएगी
बचेगा कुछ नहीं
जिसे तू अपना कह पाएगा
जा छोड चला जा
मथुरा या काशी।

अगले दिन ही
उसने ऐलान कराया
जो था उसका अपना
अब हुआ पराया
जो देगा अच्छे दाम
उसका होगा मेरा धाम।

बेच बाच सबकुछ
वह आया वृन्दावन
मन बसा लिया था 
उसने बृजनन्दन
एक भव्य मन्दिर
उसने बनबाया
बिठा अपने ठाकुर को
मन ही मन मुस्काया।

वाकेंबिहारी की बलिहारी
जीवन उसका चल निकला
आता हर रोज चढ़ावा
पेट सभी का भरता
दिन में रौनक रहती थी
रात में रासलीला होती थी
कान्हा और राधा सखियन संग आते थे
हर रोज भक्त वहाँ श्रद्धालु पुष्प चढ़ाते थे।

भक्ति भाव ने जीवन उद्धार किया
एक पीढ़ी का ही नहीं
आने वाली कई पीढ़ियों बेडापार किया
आज परिणाम है दिखता 
राधे राधे कर 
उनका जीवन है कटता 
काम न कुछ करना पडता
श्रद्धाभाव से ही जीवन है चलता।

राधे राधे। जै श्रीराधे। राधे राधे।

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
  • Sp Tripathi सारे के सारे बाबाओं का यही धंन्धा है जो अन्ध भक्तों के धन पर ऐश कर रहे है । देश का हर कोना ऐसे बाबाओं से भरा पड़ा है । काशी, प्रयाग, मथुरा ,बृन्दावन, हरिद्वार तो इन्हीं की जागीर बन गई है ।See Translation
  • S.p. Singh समाज में बढ़ता हुआ धार्मिक मदान्ध और लोगों का अंधविश्वास इस प्रकार की कुरीतियों को जन्म दे रहा है।
  • S.p. Singh राजन वर्मा उवाच:-

    ये तो पता नहीं कि आपने किस के जीवन कि असल गाथा सुनाई या फ़िर मात्र काल्पनिक कथा थी ये- पर एक बात तो निश्चित ही सही कही आपने; जब तक आप दौलत के पीछे भागते रहते हो ये आपसे पीछा छुड़ाते हुये ता-उम्र आपके आगे ही आगे दौड़ती प्रतीत होगी; ग़र आप इसका मोह त्याग कर, खुद को प्रभु के श्री-चरणों में लीन कर देंगे तो ये आपके द्वार पर डेरा डाल के बैठ जायेगी; 
    सन् ७० के दशक में सुना करते थे कि स्वंयम्भू भगवान रजनीश के अमरीकी आश्रम में- there is a fleet of 25 rolls-royce cars; इसे आप भगवान की लीला कहिये या उनका चमत्कार- पर है ये सत्य ही; राधे-राधे
  • S.p. Singh यह विचार हमारे मन घर कर गया क्योंकि जहां हम रहते हैं वहां ऐसे एक भक्त का निवास है। आज प्रातः ही दिमाग की घंटी बज उठी।
  • Anjani Srivastava " काम न कुछ करना पडता............ राधे राधे कर उनका जीवन है कटता........... " अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता, तो दुनिया में कोई हमारा ना होता । राधे... राधे !See Translation
  • Ram Saran Singh आदरणीय । यह कुछ मामलों में सही हो सकता है लेकिन कृष्ण के कर्म सिद्धंात के विरुद्ध है ।
    22 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh सिंह साहब,
    वास्तव में यह कविता कटाक्ष है जो कुछ न कर जीवन ऐस से काट रहे हैं।
    धन्यवाद।
  • Ram Saran Singh सही बात ।
    22 hours ago · Unlike · 1
  • Bhawesh Asthana बहुत बढिया कटाक्ष
    21 hours ago · Unlike · 1

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