Monday, August 11, 2014

याद तेरी फिर, अंतस को चीर गई।

कलम से____

अंतस को चीर गई
छिपी हुई सी थी जो
हिवडे के किसी कोने
में सुप्त्वस्था में याद
फिर जग गई, अंतस को चीर गई।

सिरहन सी उठती
है जब स्मृति सोई
जग जाती है अंतस
पीर पराई अपनी सी
क्यों लगती है जब
जब जगती उठती
है परेशानी बढ़ती है
याद तेरी फिर, अंतस को चीर गई।

बार बार हम पीछे
हो जाते हैं जहां से
शुरू हुए वहीं फिर
जाते हैं हम अपने
आज में क्यों खुश
नहीं रह पाते हैं
लौट वहीं यादों से
घिर जाते हैं वादों में याद
तेरी फिर आई, अंतस को चीर गई।

घरौंदे यादों के यूँ
न छोडेंगे दिन जो
गुजारे थे परेशान और
अब दुखी करेगें याद
तेरी फिर आ गई, अंतस को चीर गई।

//surendrapal singh//
08 11 2014

http://1945spsingh.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से____

अंतस को चीर गई
छिपी हुई सी थी जो
हिवडे के किसी कोने
में सुप्त्वस्था में याद
फिर जग गई, अंतस को चीर गई।

सिरहन सी उठती
है जब स्मृति सोई
जग जाती है अंतस
पीर पराई अपनी सी
क्यों लगती है जब
जब जगती उठती 
है परेशानी बढ़ती है
याद तेरी फिर, अंतस को चीर गई।

बार बार हम पीछे
हो जाते हैं जहां से
शुरू हुए वहीं फिर
जाते हैं हम अपने
आज में क्यों खुश
नहीं रह पाते हैं
लौट वहीं यादों से 
घिर जाते हैं वादों में याद
तेरी फिर आई, अंतस को चीर गई।

घरौंदे यादों के यूँ
न छोडेंगे दिन जो
गुजारे थे परेशान और 
अब दुखी करेगें याद
तेरी फिर आ गई, अंतस को चीर गई।

//surendrapal singh//
08 11 2014

http://1945spsingh.blogspot.in/
  • BN Pandey PHIR WO BHULI SI YAAD AAYEE HAI HE GUME DIL TERI DUHAI HAI ......BAHUT HI SUNDER SIR
    11 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh धन्यवाद पांडे जी।
    11 hours ago · Like · 1
  • BN Pandey SUPRABHAT SIR
    11 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh सुप्रभात।
    11 hours ago · Like · 2
  • Harihar Singh अति सुन्दर।शुभ प्रभात जी।See Translation
    11 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh हरिहर भाई धन्यवाद।
  • Rajan Varma भूली-बिसरी यादें- कड़ुवी हों या फ़िर मधुर- यदा-कदा आ ही जाती हैं; चाहे कटु हों या मधुर- नहीं खुश रहने देती हैं ये यादें हमें आज के इस पल में- इस भाव की सुन्दर अभिव्याक्ति
    10 hours ago · Unlike · 3
  • Anjani Srivastava "याद......तेरी फिर आ गई, अंतस को चीर गई" सुन्दर अभिव्याक्ति, सर नमस्ते ! तरस आता है मुझे, अपनी मासूम सी पलकों पर,
    जब वो भीग के कहती है, हमसे अब रोया नहीं जाता...
    See Translation
    9 hours ago · Unlike · 2
  • Chadha Vijay Kumar ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,
    भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी।
    मग़र मुझको लौटा दो बचपन का सावन,
    ...See More
    8 hours ago · Unlike · 2
  • Rema Nair Ati sundar abhivyakti ! Bar bar ham peechche ho jate he,jahan se shuru hue wahin phir jate he hum. Apne aaj me ' KYON KHUSH NAHI ' rah pate ,lout wahi yadon se ghir jate ? Karan ham itne Vidyavan Guni Ati CHATUR nahi bane ( Bhartiy ?) ab tak ! Chit-Vruti-Nirodh se hi yeh sambhav hoga.
    8 hours ago · Unlike · 2
  • Bhawesh Asthana Hai vo maati ka garonda tera
    Aansun ki boondon se hi pighal raha
    Gharonda bikhar gaya sare sapno ko lekar
    ...See More
    7 hours ago · Unlike · 3
  • S.p. Singh मेरा दिल तारीफ सुन आज खुश बहुत है
    लगता है मैने दिल किसी का जीत लिया है।
    7 hours ago · Edited · Like · 1

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