Monday, August 25, 2014

क्यों तोड़ा यह फूल मुझे समझाना क्या करोगी इसका मुझे बताना।

कलम से____

क्यों तोड़ा यह फूल मुझे समझाना
क्या करोगी इसका मुझे बताना।

ले जाऊँगी गंगा जल से धोऊँगी
पूजा कर उसके सिर मैं चढ़ाऊँगी।

मनबसिया माखनचोरी जो करता है
सखियों संग रास रचाया करता है।

मथुरा की गलियों में वह लोगों संग
राधे राधे राधे राधे करता फिरता है।

यशोदा मइय्या की आँखों का वो तारा है
सबसे है वो न्यारा मेरा कान्हा कहलाता है।

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से____

क्यों तोड़ा यह फूल मुझे समझाना
क्या करोगी इसका मुझे  बताना।

ले जाऊँगी गंगा जल से धोऊँगी
पूजा कर उसके सिर मैं चढ़ाऊँगी।

मनबसिया माखनचोरी जो करता है
सखियों संग रास रचाया करता है।

मथुरा की गलियों में वह लोगों संग
राधे राधे राधे राधे करता फिरता है।

यशोदा मइय्या की आँखों का वो तारा है
सबसे है वो न्यारा मेरा कान्हा कहलाता है।

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

No comments:

Post a Comment