Friday, August 29, 2014

अर्ज़ किया हैं...

shared by one of my friends.

अर्ज़ किया हैं...

रोक दो मेरे जनाजे को अब
मुझमे जान आ रही हैं..
आगे से थोडा राईट ले लो
दारु की दूकान आ रही हैं |

🍷
💥"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे,
💥शमशान में पिया करूंगा,
💥जब खुदा मांगेगा हिसाब,
💥तो पैग बना कर दिया करूंगा"
💥"नशा" "महोब्बत " का हो
💥"शराब" का हो ...-
💥या -"whatsapp " का हो
💥" होश " तीनो मे खो जाते है
💥" फर्क " सिर्फ इतना है की,
🍷"शराब" सुला देती है ..
"महोब्बत " रुला देती है ,
- और -
"whatsapp " यारो की
याद दिला देती है ..!

समर्पित
सभी प्यारें दोस्त के लिए ┓┈┈┈┈┈┈┈┈┈┈┈
┈┈┈┣┫┈┈┈┈┈┈┈┈┈┈┈
┈┈╭╯╰╮┈┏━┓┈┏━┓┈┈
┈┈┃╭╮┃┈┣━┫┈┣━┫┈┈
┈┈┃┣┫┃┈╰┳╯┈╰┳╯┈┈
╲╲┃┗┛┃╲╲┃╲╲╲┃╲╲╲
╲╲╰━━╯╲╲┻╲╲╲┻╲╲╲
🍷जाम पे 🍷जाम पीने का क्या फ़ायदा?
शामको पी, सुबह उतर जाएगी. 🍷🍷🍷🍷
अरे दो बून्द दोस्ती के
पी लो ज़िन्दगी सारी नशे में गुज़र जाएगी...
LikeLike ·  · Promote · 
  • Ajai Kumar Khare Bahut khoob.....
  • आशीष कैलाश तिवारी सर????... बाकी तो नहीं बता सकता... पर वो वाला?? जो सुलाते रुलाते हैं....... इनके विषय में अफवाह है... होम मिनिस्टर वाले सिंह साहब के पुत्र के जैसे.!!..इसमे जो रुलाता है दरअसल वो अट्टहास की खदान है... और जो सुलाने वाला है वो तो बेचारा लोगों को कवि, लेखक बनने के लिए जागृत करता है See Translation
    16 hours ago · Unlike · 1
  • Ram Saran Singh वास्तव में आपने क़लम तोड़ दी । मुझे एक शेर याद है, " बोतल खुली जो हज़रते जाहिद के वास्ते, मारे ख़ुशी के काग भी दो गज उछल पड़ा" बहुत मज़ेदार लिखा है आदरणीय आपने ।
    15 hours ago · Unlike · 7
  • S.p. Singh शैम्पेन खोलने का असली मजा ही जब है कि कागा उछले दो गज और शैम्पेन बहने लगे बाहर........।
    शुक्रिया।
    बाइ द बे आपकी दरख्वास्त का क्या हुआ। हर रोज़ शाम अच्छी गुज़र जाएगी, बस एक ज़ाम स्काच की तलब अगर पूरी हो जाएगी.......!!!
    5 hours ago · Edited · Like · 2
  • Sp Dwivedi सुमंगल प्रभात,दिन मंगलमय हो
    5 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh आपको भी मेरी शुभकामनाएँ।
    5 hours ago · Like · 1
  • Rajan Varma 'जाम पे जाम पीने का क्या फ़ायदा? शाम को पी, सुबह उतर जाती है; दो बंूद दोस्ती (शर्त मगर दोस्ती खुदा से हो) के पी लो, ता-उम्र नशे में गुज़र जायेगी'- मैने अपने हिसाब से संशोधित कर दिया शेर को; हॉ हॉ हॉ राधे राधे
    4 hours ago · Edited · Unlike · 4
  • S.p. Singh आज आपने भूली हुई घड़ी याद दिला दी,
    मन की इस चिरैया को माँ की याद दिला दी।
    ...See More
    4 hours ago · Like · 2
  • Arun Kumar Singh याद रखने वाली कबिता मजा आ गया
    3 hours ago · Unlike · 2
  • Sp Tripathi बहुत ही नायाब तरीक़े से आपने यारी और यारों के महत्व के बंया किया है ।See Translation
    2 hours ago · Unlike · 1
  • BN Pandey SIR ES DAARU / SHARAAB SE BHI JYAADAA ZORDAAR NASHAA EK AUR BHI HAI JISME BACHCJE KYAA JAVAAN HO YAA BURHE AGER ROG LAG GAYEE TO BHAGWAAN JAANE................."MEETHAA SAA NASHAA ESAME SURUR ESAME HAI...YE HUD LATAAFAT SE GUJARATI HI NAHI..JO ZAAM SE PI LE UTAR JAATI HAI...JO AANKH SE PI LE UTARATI HI NAHI"....SUPRABHAT SIR.
    2 hours ago · Unlike · 2

No comments:

Post a Comment