Tuesday, September 30, 2014

स्मार्ट सिटी

कलम से____
स्मार्ट सिटी
की
परिकल्पना बहुत ही सुंदर है
अब तो
यह हिन्दुस्तान की हकीकत है।
नये नये शहर बसेंगे
पुराने उजडेंगे
यादें बनके रहना है
तो रहें
अब लोग वहाँ न रहेंगे
डाउन टाउन कह कर जाने जाएंगे
इतिहासकार वहाँ रिसर्च किया करेंगे।
हाय चादँनी चौक दरियागंज
बहुत याद आया करेंगे
इतिहास के पन्नों में नाम
हम जैसे चाहनेवालों के मिलेंगे।
परिवर्तन का दौर है, यारो
आना है इसे आएगा
यह बात और है
कइयों को बहुत रुलाएगा।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Subhash Sharma.
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  • Sp Dwivedi --------
    जो कल थे ध्वंश हो गए जो, आज हैं कल उनकी बारी.
    ध्वंश सृजन है शाश्वत जग में,यह है मनु की लाचारी
    17 hrs · Unlike · 2
  • S.p. Singh बहुत सुंदर द्विवेदी जी।
    17 hrs · Like · 1
  • Puneet Chowdhary Very nice sir
    17 hrs · Unlike · 1
  • Ram Saran Singh महोदय यह परिवर्तन चक्र है । ध्वंस और निर्माण, सकारात्मकता और नकारात्मकता स्वीकार करनी पड़ेगी । बढ़िया रचना और साथ ही मानसिक रूप से तैयार रहने का संदेश भी । धन्यवाद ।
    16 hrs · Unlike · 1
  • Brahmdeo Prasad Gupta very nice,future is always bright a positive approach.
    7 hrs · Unlike · 1
  • Bhawesh Asthana जो उत्कृष्ट प्रतिमभाएँ होती है वे ही अनिवार्यत पहले से ही चली आ रही लीक को तोडती है और अपनी नई लीक बनाती है नया इतिहास लिखती है।
    अर्थात परिवर्तन ही जीवन है।
    3 hrs · Unlike · 2
  • Sp Tripathi सृजन ही मनुष्य का भूत,वर्तमान एवं भविष्य रहा है । बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा से सृजनशील रहा है ।See Translation

अमेरिका सबसे धनी देश है

One of my friends sent me for sharing. To me it has a good message.
अमेरिका सबसे धनी देश है, वहां के स्कूल साल के
शुरुआत में बच्चों को किताबें इशू करते हैं और साल
के अंत में उनसे जमा करा लेते है ताकि द
बच्चों को उन किताबों को पढने
का मौका मिले.
भारत गरीब देश है, पर यहाँ हर साल पुराने किताबों को रददी के भाव बेच दिया जाता है
और नए किताबों को ख़रीदा जाता है, या यूँ
कहें की अभिभावकों को नई किताब खरीदने
को विवश
किया जाता है .....करोड़ो रुपयों की बर्बादी लाखों पेड़
की कटाई .... फिर पर्यावरण को बचाने की सतरंगी मुहीम फिर करोड़ों रूपये की लुट, .. ये
हमारे शिक्षा के मंदिर और और उसे संचालित
करने वाले दलालों द्वारा हो रहा है .... सत्ता तो बदल गयी पर व्यवस्था नही बदली
आइये मानव संसाधन विभाग
को जरा कुम्भ्करणी नींद से जगाया जाये ...अच्छा लगे तो उसे अपने दोस्तों को आगे बढाने का कष्ट करें ओर क्रांति लाओ.
— with Subhash Sharma.
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