Saturday, August 23, 2014

तनहाई पूछती है परछाईं से

कलम से____

तनहाई पूछती है परछाईं से
तुम कहाँ हो यहाँ हो फिर वहाँ हो
मिलकर भी नहीं मिलती हो
कैसी यह आखँ मिचौली है
कुछ तो कहो यह क्या है
आखिर नज़र क्यों चुराती फिरती हो।

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.
Photo: कलम से____

तनहाई पूछती है परछाईं से
तुम कहाँ हो यहाँ हो फिर वहाँ हो
मिलकर भी नहीं मिलती हो
कैसी यह आखँ मिचौली है
कुछ तो कहो यह क्या है
आखिर नज़र क्यों चुराती फिरती हो।

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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