Friday, August 29, 2014

सुबह नौ बजे। 28 08.2014

सुबह नौ बजे।

हम तो भूले बैठे थे
ख्वाबों के सहारे जो रहना सीख लिया था
हकीकत से दूर ही नहीं बहुत दूर
चले गए थे।

एक ही झटके ने ला पटका था
440 वोल्ट का लगा झटका था।

कल रात अचानक
बत्ती घर की गुल हो गई
रात का दो बजा था
पावर बैकअप भी ठंडा पड़ा था।
करें क्या समझ कुछ नहीं आ रहा था
टेलीफोन सबस्टेशन को किया
एजयूजअल घंटी बजती रही
उधर से उत्तर न किसी ने दिया।

समझ आया बाबू
ज़माना बदल गया है
यह सबस्टेशन अब तुम्हारा नहीं है
अटेन्डेन्ट एक नया छोकरा है
है नीदं उसको प्यारी
दारू जो पी थी नशा उतरा नहीं है
कैसे करेगा काम अब कोई
सोने में ही उसका भला है।

रात भर हम बिलबिलाते रहे
चक्कर इधर उधर लगाते रहे
आया समझ अब कुछ न हो सकेगा
बेहतर है इतंजार करना सुबह का
अब नौ बजे फाल्ट जाके ठीक हुआ है
मुआ काम चंद मिनटों का था जो
घन्टों सात में जाके ठीक हुआ है।

राहत मिल बड़ी गई है
बिजली फिर ठीक हो गई है
पंखा चलने लगा है
हवा थोडी थोडी मिलने लगी है
खुशी इस बात की अधिक है
नैट भी फिर से चल पड़ा है
यह कविता मैं पोस्ट कर रहा हूँ
गम अपना आपसे बाँट रहा हूँ।

कितने असहाय हो चले हैं
सहारे बिना चल नहीं पा रहे हैं
सहारे के सहारे जिन्दगी हो गई है
छड़ी की जरूरत महसूस हो रही है
छड़ी भी तो आखिर है इक सहारा
सहारे को सहारे की जरूरत आन पड़ी है।

//surendrapalsingh//
08 27 2014
 — with Rajan Varma and 2 others.
Photo: सुबह नौ बजे।

हम तो भूले बैठे थे
ख्वाबों के सहारे जो रहना सीख लिया था
हकीकत से दूर ही नहीं बहुत दूर
चले गए थे।

एक ही झटके ने ला पटका था
440 वोल्ट का लगा झटका था।

कल रात अचानक
बत्ती घर की गुल हो गई
रात का दो बजा था
पावर बैकअप भी ठंडा पड़ा था।
करें क्या समझ कुछ नहीं आ रहा था
टेलीफोन सबस्टेशन को किया
एजयूजअल घंटी बजती रही
उधर से उत्तर न किसी ने दिया।

समझ आया बाबू
ज़माना बदल गया है
यह सबस्टेशन अब तुम्हारा नहीं है
अटेन्डेन्ट  एक नया छोकरा है
है नीदं उसको प्यारी
दारू जो पी थी नशा उतरा नहीं है
कैसे करेगा काम अब कोई
सोने में ही उसका भला है।

रात भर हम बिलबिलाते रहे
चक्कर इधर उधर लगाते रहे
आया समझ अब कुछ न हो सकेगा
बेहतर है इतंजार करना सुबह का
अब नौ बजे फाल्ट जाके ठीक हुआ है
मुआ काम चंद मिनटों का था जो 
घन्टों सात में जाके ठीक हुआ है।

राहत मिल बड़ी गई है
बिजली फिर ठीक हो गई है
पंखा चलने लगा है
हवा थोडी थोडी मिलने लगी है
खुशी इस बात की अधिक है
नैट भी फिर से चल पड़ा है
यह कविता मैं पोस्ट कर रहा हूँ
गम अपना आपसे बाँट रहा हूँ।

कितने असहाय हो चले हैं
सहारे बिना चल नहीं पा रहे हैं
सहारे के सहारे जिन्दगी हो गई है
छड़ी की जरूरत महसूस हो रही है
छड़ी भी तो आखिर है इक सहारा
सहारे को सहारे की जरूरत आन पड़ी है।

//surendrapalsingh//
08 27 2014
  • S.p. Singh कैसे कहूँ कहना तो पड़ेगा देर जो हो गई है फिर भी good morning my dear friends.
  • Rajan Varma सुप्रभात्- रात कुछ अधिक लंबी जान पढ़ी कल आपको; ये ज़िन्दगी की एक हकीकत है- आई टी आई में होते तो शायद तब तक सब-स्टेशन बैठे होते जब तक फ़ाल्ट ठीक न हो जाता; राधे राधे
  • S.p. Singh हालात public utilities के बहुत खराब हो चुके हैं। accountability तो रह ही नहीं गई है। वाकई बुरा हाल हो चला है।
  • S.p. Singh हालात public utilities के बहुत खराब हो चुके हैं। accountability तो रह ही नहीं गई है। वाकई बुरा हाल हो चला है।
  • Sp Dwivedi " कहा कहु छवि आज की भले बने हो नाथ"
    सुमंगल प्रभात
  • Suresh Chadha Suprabhatam mitro ko aj ka din mangal mae ho aap sabi kaSee Translation
  • Puneet Chowdhary Very very subtle satire.Very nice.
  • Neelesh B Sokey देर आये दुरूस्त आये। आपके कविता ने बिजली गिरा दिया है। Good morning.
  • S.p. Singh Thanks Neelesh.
  • Anjani Srivastava मुझे भूल गए मित्रों, लगता हैं सभी के अच्छे दिन आ गये, आपके तरफ बिजली की समस्या नहीं है ? "सहारे बिना चल नहीं पा रहे हैं...सहारे के सहारे ही जिन्दगी हो गई है" बहुत ही सुंदर सर जी ! ए 'बिजली' तुम ही थे जो मिल न सके, वर्ना मिलने वाले तो बिछड़ बिछड़ के मिले ISee Translation
  • Sp Tripathi Ex PM has told to his daughter :Things have become so much bad in India that no action to improve will be successful till things become totally bad and paralyse the whole country. Frustration with system was amply evident during AnnaHazare Movement . Some revolution only can help us out of this dark state.
  • Sp Tripathi आपकी फ़ोटो बहुत अच्छी लगी । लगता है हम बात कर रहे है ।See Translation
  • BN Pandey SIR AAP TO TAKDIR WAALE HAI..HO SAKATAA HAI KI AAP KI POST KO PERH KER KUCHH LOGO KO AAP SE ERSHAA HONE LAGE.....KARAN SIRF CHAND 07 GHANTE ME AAP KI BIJALI SAHI HO GAYEE WAH BHI BINAA AAP KE COMPLAINT KO NOTE KIYE HUYE.......YAHAA TO JANTA KAI EK 07 DINO, MAHINO AUR KOI KOI TO 07 VERSHO SE " BIJALI-MAATA" KAA DARSHAN HI NAHI KIYAA.........AB TO YE ROJ MERRAA KI AADAT SI HO GAYEE HAI.......EK UMMID HAI WO AAYEGI....JAROOR AAYEGI.............GOOD MORNING SIR
  • S.p. Singh अमीनाबाद में खड़ा हो चिल्ला रहा है,
    वो आएगी आएगी आएगी आएगी।
    उसकी माँ बचपन में बिछड़ गई थी,
    उसी के इतंजार में है कि वो आएगी।
  • Madhvi Srivastava very nice pic
  • Jai Wokhloo kya sir wohi smartness, Looking young. happy to see you in such a dashing and smart in this pic.
  • Javed Usmani बहुत सुंदरSee Translation
  • JV Singh Dashing personality sir. God may bless you long healthy life.
    23 hours ago · Unlike · 2
  • Ishwar Dass very good
    23 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh सभी मित्रों का आभार व्यक्त करता हूँ।
  • Bhawesh Asthana सचमुच में बहुत हसीन
    22 hours ago · Unlike · 1
  • Shravan Kumar Sachan Fantastic Click
    18 hours ago · Unlike · 2

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