Friday, August 29, 2014

"हिंदी" एक वैज्ञानिक भाषा है

"हिंदी" एक वैज्ञानिक भाषा है और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है? उसके पीछे कुछ कारण है, अंग्रेजी भाषा में ये बात देखने में नहीं आती।
______________________

'क, ख, ग, घ, ङ'- कंठव्य कहे गए हैं क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये

'च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,'
क्योंकि इनके उच्चारण के
समय जीभ
तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |

'ट, ठ, ड, ढ , ण'- मूर्धन्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के
मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
एक बार बोल कर देखिये |
😀

'त, थ, द, ध, न'- दंतीय कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के
समय
जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |

'प, फ, ब, भ, म',- ओष्ठ्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के
मिलने
पर ही होता है। एक बार बोल
कर देखिये ।
😀
________________________

हम अपनी भाषा पर गर्व
करते हैं ये सही है परन्तु लोगो को
इसका कारण भी बताईये |
इतनी वैज्ञानिकता
दुनिया की किसी भाषा मे
नही है

क,ख,ग क्या कहता है जरा गौर करें....
••••••••••••••••••••••••••••••••••••
क - क्लेश मत करो
ख- खराब मत करो
ग- गर्व ना करो
घ- घमण्ड मत करो
च- चिँता मत करो
छ- छल-कपट मत करो
ज- जवाबदारी निभाओ
झ- झूठ मत बोलो
ट- टिप्पणी मत करो
ठ- ठगो मत
ड- डरपोक मत बनो
ढ- ढोंग ना करो
त- तैश मे मत रहो
थ- थको मत
द- दिलदार बनो
ध- धोखा मत करो
न- नम्र बनो
प- पाप मत करो
फ- फालतू काम मत करो
ब- बिगाङ मत करो
भ- भावुक बनो
म- मधुर बनो
य- यशश्वी बनो
र- रोओ मत
ल- लोभ मत करो
व- वैर मत करो
श- शत्रुता मत करो
ष- षटकोण की बतरह स्थिर रहो
स- सच बोलो
ह- हँसमुख रहो
क्ष- क्षमा करो
त्र- त्रास मत करो
ज्ञ- ज्ञानी बनो !!
 — with BN Pandey and 24 others.
  • BN PandeyRamaa SinghSp Dwivedi and 19 others like this.
  • S.p. Singh माँ
    तुमने ही सिखाया था
    सबसे पहले यह जब मैं बोला था
    माँ
    उससे पहले तो मैं सिर्फ रोया था
    रोने की ध्वनि है होती 
    होता है उसका अपना राग
    सात सुरों से रचा है संसार।

    सा रे गा मा पा ध नी ........
    सतरंगी सुर संगीत के बनते आधार
    हिन्दी की स्वर लहरी करती इनको प्यार।

    हिन्दी बन गई है जन जन की आवाज
    गीत गाते हैं सजते सजाते हैं अपने साज।

    मुछे याद आ रहा है वह भी एक ज़माना जब बाबू देवकी नन्दन खत्री जी ने "चन्द्र कान्ता संतति" लिखी थी तो कितने उर्दू दां लोगों ने हिंदी सीखी थी वह तिलस्मी किताब पढने के लिए।
    मैं तो इतना भी कहना चाहूँगा कि जो काम सरकारी दफ्तरों में हिंदी विभाग न कर पाया वह काम फेसबुक कर रहा है। कम से कम हम जैसे अज्ञानी लोग अपनी बात हिंदी में आप तक पहुँचा तो रहे हैं।
    शुक्रिया फेसबुक।
  • Ram Saran Singh एस पी सर ने बिल्कुल सही कहा है । फ़ेस बुक ने हिंदी का बड़ा उपकार किया है ।
  • आशीष कैलाश तिवारी फेसबुक है बोलने चुनने के लिए पूर्ण आजादी,,, थैंक्स जुगनबर्ग See Translation
  • Laxmi Narayan Tripathi धन्यवाद भाईजी ,...भूले तो नही थे ,,,पर मतलब भी समझा ....नही तो क से कबूतर ही पढ़ा था ...
    21 hours ago · Like · 1
  • आशीष कैलाश तिवारी आदि काल मे भारत का इतिहास 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' से बदल दिया गया था See Translation
    21 hours ago · Unlike · 2
  • Laxmi Narayan Tripathi उससे भी अधिक इतिहास के साथ छेड़छाड़ तो शाहजहॉ ने की ......
    21 hours ago · Like · 1
  • S.p. Singh गुरू discovery of India में logic तो था। महाभारत के काल में चरित्र हनन और अपने स्वार्थ चरम पर पहुंच गए थे। इसको ठीक करने के लिए फिर राम को जन्म लेकर आना पड़ा।
    कहानी है लोगां ने आपने हिसाब से बाँची है।
    17 hours ago · Like · 2
  • आशीष कैलाश तिवारी ये बात तो सौ फीसदी सही कहा आपने सर। अपने जुगाड़ के हिसाब से कहानी बताते रहे,,,, पर यह नही बताया कि महाभारत के बाद कृष्ण ने क्या किया?,, या राम के साथ चंद्र को क्यों जोड़ा गया??See Translation
    6 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh रह सब रिसर्च के विषय हैं और रचैइया ने यह काम सिर्फ आपको सौपां है। अब आपके मुखारविंद से सुनेंगे न........

No comments:

Post a Comment