Sunday, July 20, 2014

कलम से _ _ _ _

( सावन गीत राधे कृष्ण को सप्रेम भेंट )

आयौ री सखी सावन आयो,
चलौरी बहना झूला डालो
रस्सी निकारौ नीम पै डारौ,
आयौ री सखी सावन आयो।

दौ दौ सखियाँ झूला झूलेंगी,
पैंग लगाय खूब ऊँची ऊठैंगी,
बाकी ढ़ोलक संग गांयेगी,
पुरवइया बयार मन भांएगी।

श्याम संग राधा छूला झूलेंगे
मन में हमारे भक्तिभाव जगेंगे
स्वर्ग से आशीष फूल बरसेंगें
राह हमारी सभी भक्त तकेगें।

सखियन संग किरतन करेगें
राधे राधे दिन रात जपेगें
कनहाई हमारी बात कैसे न सुनेंगे
सावन जाते भादों फिर लौटेगें।

छोटे लल्ला से खूब सजेंगे
यशोदा मैया संग यहां रहेगें
गोदी में लै सब भजन करेगें
राधे किशन पलना झूलेंगे।

//surendrapal singh//

07182014

http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with आशीष कैलाश तिवारी and 45 others.
Photo: कलम से _ _ _ _

( सावन गीत राधे कृष्ण को सप्रेम भेंट )

आयौ री सखी सावन आयो,
चलौरी बहना झूला डालो
रस्सी निकारौ नीम पै डारौ, 
आयौ री सखी सावन आयो।

दौ दौ सखियाँ झूला झूलेंगी,
पैंग लगाय खूब ऊँची ऊठैंगी,
बाकी ढ़ोलक संग गांयेगी,
पुरवइया बयार मन भांएगी।

श्याम संग राधा छूला झूलेंगे
मन में हमारे भक्तिभाव जगेंगे
स्वर्ग से आशीष फूल बरसेंगें
राह हमारी सभी भक्त तकेगें।

सखियन संग किरतन करेगें
राधे राधे दिन रात जपेगें
कनहाई हमारी बात कैसे न सुनेंगे
सावन जाते भादों फिर लौटेगें।

छोटे लल्ला से खूब सजेंगे
यशोदा मैया संग यहां रहेगें
गोदी में लै सब भजन करेगें
राधे किशन पलना झूलेंगे।

//surendrapal singh//

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