Monday, July 28, 2014

चलते चलाते कभी सुना है, कुछ होता है, कभी कुछ नहीं कभी बहुत कुछ होता है।

कलम से _ _ _ _

चलते चलाते कभी सुना है,
कुछ होता है,
कभी कुछ नहीं
कभी बहुत कुछ होता है।

चलते चलते ही
तो वो हमारे हो गये,
हम उनके हो गये,
आप पूछ रहे हो,
क्या चलते चलाते,
कभी कुछ होता है?

आज की बात क्या कहें
आप से,
बस मुलाकात हो गयी,
एक मौका मिला,
और ये नायाब बात हो गयी
आप मेरे मैं तेरे साथ हो गई।

चलते-चलते ही
चंद लम्हों में
बहुत कुछ हो जाता है,
जो अपने से लगते हैं पराये हो जाते हैं
जो पराये होते हैं अपने बन से जाते है।

//surendrapal singh//

07 29 2014

http://1945spsingh.blogspot.in/

an
http://spsinghamaur.blogspot.in/
Photo: कलम से _ _ _ _

चलते चलाते कभी सुना है,
कुछ होता है,
कभी कुछ नहीं
कभी बहुत कुछ होता है।

चलते चलते ही
तो वो हमारे हो गये,
हम उनके हो गये,
आप पूछ रहे हो,
क्या चलते चलाते,
कभी कुछ होता है?

आज की बात क्या कहें
आप से,
बस मुलाकात हो गयी,
एक मौका मिला,
और ये नायाब बात हो गयी
आप मेरे मैं तेरे साथ हो गई।

चलते-चलते ही
चंद लम्हों में
बहुत कुछ हो जाता है,
जो अपने से लगते हैं पराये हो जाते हैं
जो पराये होते हैं अपने बन से जाते है।

//surendrapal singh//

07 29 2014

 http://1945spsingh.blogspot.in/

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http://spsinghamaur.blogspot.in/
  • S.p. Singh बस यह कविता भी यूँही बन गई चलते चलाते। आज प्रातः ही पार्क में........
  • S.p. Singh Hope I am able to succeed in igniting your mind to creativity. God bless you all. Thanks for providing this opportunity to me.
  • Ram Saran Singh जब जीवन अनिश्चित हो, सब कुछ संयोग पर निर्भर हो, कौन कब अपना बन जाए और कौन पराया, तो ऐसे में चलते चलते रचनात्मक कविता फूट पड़े तो क्या कहने । कुछ तो सुकून की बात बने कोई तो मरहम लगा जाए । बढ़िया आदरणीय ।
    3 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh सुदंर अहसास। सुदंर लगता सा आपका यह कमेन्ट महोदय।
    धन्यवाद।
  • Rajan Varma चलते-चलते कुछ नहीं- 'कुछ-कुछ होता है'- इतनी सी बात पर करोड़ों कमा गये प्रोड्यूसर-निर्देशक; अंदाज़े-बय़ाँ जुदा होना चाहिये बस- फ़िर तो बहुत कुछ होता है; सत्य कह रहे है जनाब- पल में कुछ भी हो सकता; किसी का जहाँ मिट सकता है अौर किसी को आसमाँ मिल सकता है-
    2 hours ago · Unlike · 2
  • Vandana Dubey khoobsoorat lakhni
    2 hours ago · Unlike · 2
  • Ajay Jain Romantik ji
    2 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh आपने तो कविता में न जाने कितने नाम लिख दिये जो लोग पेटेन्ट करा लेगें। बहुत सुन्दर राजन जी।
    2 hours ago · Unlike · 3
  • Puneet Chowdhary Sir chalte chalte hi chal padti hai insaan ki.Phir woh university ka campus ho ya railway ka platform yar phir market or ya park.Yahin pe chalte chalte ki nikal padti hai

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