Sunday, July 13, 2014

बुला रहे है अपने करीब मुझे पवॆत, नदी और नाले



कलम से .....

बुला रहे है अपने
करीब मुझे पवॆत, नदी और नाले,
कभी जो थे हमारे ।

दूरिया,
कुछ इस कदर बढ़ी,
कभी दुबारा न मिलेजो कहते थे 'सदा तुम रहोगे हमारे'।
Photo: कलम से .....

बुला रहे है अपने 
करीब मुझे पवॆत, नदी और नाले,
कभी जो थे हमारे ।

दूरिया,
कुछ इस कदर बढ़ी,
कभी दुबारा न मिलेजो कहते थे 'सदा तुम रहोगे हमारे'।




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