Thursday, July 31, 2014

सुप्रभात मित्रवर।07 31 2014


सुप्रभात मित्रवर।
07 31 2014

इधर हाल के दिनों में हुई कुछ घटनाओं ने जिनमें मुजफ्फरपुर, मुरादाबाद,रामपुर और अब सहारनपुर प्रमुख हैं कई ज्वलंत प्रश्न पैदा कर दिये हैं। समाधान कोई नजर नहीं आता। नजर भी इन प्रश्नों से हटाई भी नहीं जाती। मन कुंठित है।

प्रश्न उठ खडे हुए हैं
जबाब जिनका मिल नहीं रहा है
ढूढां बहुत किया
रात भर भटकता रहा हूँ
कभी यहाँ
कभी वहाँ
कभी भीतर
कभी बाहर
मैं टहलता रहा
जबाब न मिला कहीं से
तो मैं तेरे सामने आ गया
बता ये मारपीट क्यों है
मचा घमासान क्यों है
यह घर भी तेरा है
वह घर भो तेरा है
मैं भी तेरा हूँ
वह भी तेरा है......

सुन मेरे बच्चे
वो मेरा है औ' तू भी मेरा है
बस छा गया है इनकी आँखों में
गहरा अंधेरा है।

जब आएगें दोनों यहां
बैठेंगे मन शातं यहां
जान जाएंगे खुदा बंदे
भगवान को चाहने वाले
गुरू को पूजने वाले
रूप एक है
जो सिर्फ मेरा अकेला है।

मैं हूँ सिर्फ मैं हूँ
मैं सबका हूँ
सबके लिए हूँ
मैं गरीब का हूँ
मै अमीर का हूँ
मैं बच्चों का हूँ
मै बडों का हूँ
मैं बलवान का हूँ
मैं असहाय का हूँ
मै अबला का हूँ
मै सबला का हूँ
मैं मैं हूँ
रूप कई हैं पर हर किसी को दिखता हूँ
मैं ही उनके दिल में बसता हूँ.............
Photo: 07 31 2014
सुप्रभात मित्रवर।

इधर हाल के दिनों में हुई कुछ घटनाओं ने जिनमें मुजफ्फरपुर, मुरादाबाद,रामपुर और अब सहारनपुर प्रमुख हैं कई ज्वलंत प्रश्न पैदा कर दिये हैं। समाधान कोई नजर नहीं आता। नजर भी इन प्रश्नों से हटाई भी नहीं जाती। मन कुंठित है।

प्रश्न उठ खडे हुए हैं
जबाब जिनका मिल नहीं रहा है
ढूढां बहुत किया
रात भर भटकता रहा हूँ
कभी यहाँ
कभी वहाँ
कभी भीतर
कभी बाहर
मैं टहलता रहा
जबाब न मिला कहीं से
तो मैं तेरे सामने आ गया
बता ये मारपीट क्यों है
मचा घमासान क्यों है
यह घर भी तेरा है
वह घर भो तेरा है
मैं भी तेरा हूँ
वह भी तेरा है......

सुन मेरे बच्चे
वो मेरा है औ' तू भी मेरा है
बस छा गया है इनकी आँखों में
गहरा अंधेरा है।

जब आएगें दोनों यहां
बैठेंगे मन शातं यहां
जान जाएंगे खुदा बंदे
भगवान को चाहने वाले
गुरू को पूजने वाले
रूप एक है 
जो सिर्फ मेरा अकेला है।

मैं हूँ सिर्फ मैं हूँ
मैं सबका हूँ
सबके लिए हूँ
मैं गरीब का हूँ
मै अमीर का हूँ
मैं बच्चों का हूँ
मै बडों का हूँ
मैं बलवान का हूँ
मैं असहाय का हूँ
मै अबला का हूँ
मै सबला का हूँ
मैं मैं हूँ
रूप कई हैं पर हर किसी को दिखता हूँ
मैं ही उनके दिल में बसता हूँ.............
  • आशीष कैलाश तिवारी हॉ हॉ हॉ,,, सर। सारी रात जागरण किये हैं? See Translation
  • Umesh Sharma सबका मालिक एक हैSee Translation
  • Javed Usmani बहुत बेहतरीनSee Translation
  • S.p. Singh आजकल फेसबुक पर अजीब नफरत फैलाने का काम हो रहा है जो देशहित में नजर नहीं आता। मन परेशान हो जाता है।
    good morning मित्रों।
  • Rajan Varma कहते सब यही हैं कि तूँ एक ही है परवरदीगार; मुसलमान ये नहीं कहता कि अल्लाह सिर्फ़ मुसलमानों का है; हिन्दू ये नहीं कहता कि परमात्मा, ईश्वर सिर्फं हिन्दुअों की पालना करता है; ईसाईयों ने भी नहीं माना कि गॉड सिर्फ़ ईसाइयों के दुख हरने हेतु हैं- फ़िर क्या वज़ह है कि राम का 'एक' रहीम के 'एक' से अलग दिखता है अौर जौन का 'एक' राम, रहीम के 'एक' से अलग दिखता है? शायद चशमें का फ़र्क होगा; सबने अपने-अपने मुल्ला-मौलवी, पँडित-महंतों, पोप-पादरियों द्वारा देये गये भिन्न-भिन्न नम्बर के चशमें जो पहन रखे हैं; वही एकमात्र वजह हो सकती है कि परम-शक्ति एक होने के बावाजूद सबको भिन्न दिखती है- अौर सबको 'अपने-वाला-एक' दिखाने की जिद में हम मार-काट मचाये पड़े हैं;
    शायद समय आ गया है कि मुल्ला-मौलवी, पँडित-महंतों, पोप-पादरियों की इस mis-interpretation and mis-representation of facts को हम सही परिपेक्ष्य में देखें- उनके निजी-स्वार्थ को समझें अौर फ़िर से भाई-चारा, शांति, अमनो-चैन बहाल करें; इस सोच को दर्शाती आपकी बेहतरीन रचना
  • Harihar Singh बहतरीन अहं ब्रह्मस्मि का बोध कराती रचना ।See Translation
  • Ram Saran Singh बहुत ही उत्तम और आप्त विचार महोदय । "मैं भी तेरा वह भी तेरा" यह एक चिंतन है, दर्शन है, सोच है, जो लोगों को उद्वेलित करना चाहिए । यदि लोग उद्वेलित नहीं होते हैं तो यह कुंठित मानसिकता ही है । बहुत सुंदर । धन्यवाद ।
  • Tahsin Usmani Excellent.U are real gentle soul.Outside the world is dominated by selfish intrests and narrow minds.
  • S.p. Singh बहुत बहुत शुक्रिया। आप लोगों ने अपने विचार रखे।
    अच्छा लगता है कि अभी भी पाजीटिव सोच के लोग हैं। लगता है कि थोडा बहुत जो सही हो रहा है बस उन्हीं की वजह से।
    राजन जी ने कुछ अहम मुद्दों का जिक्र ऊपर किया है हमको अपने अंदर झांकना ही चाहिए अपने धर्म गुरुओं को अब चेलों को समझाना चाहिए।जो गलत है उसे गलत खुलेआम कहना चाहिए नहीं तो यह बरबादी कैसे रुकेगी।
    आप सभी का हार्दिक अभिनदंन एव आभार।
  • Satyendra Shukla Absolute, touching.
  • S.p. Singh दोस्तों एक बात और पहले मैं अपने मित्रों को tag किया करता था इस आशय से कि मैं कविता के माध्यम से आपके साथ सम्पर्क में बना रहूँ।
    पर कुछ महानुभावों के यह कहने पर कि tagging एक गाली है। मैने tagging करना बंद कर दिया है।
    अब आपको स्वतः प्रयास करना होगा कि आप मेरी रचनाओं, अगर अच्छी लगती हो तो, तक पहुचें।
    मैं इसी कारण वश अपनी हर रचना के नीचे अपने blogs के Web address link paste कर देता हूँ।
    आपके सहयोग का आकांक्षी बना रहूँगा। धृष्टता के लिए क्षमा करें।
    आप कृपया अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें। आपके कमेंट से ही बल प्राप्त होता है
    भवदीय
  • Arun Kumar Singh शुभ प्रभात सर
  • S.p. Singh सुप्रभात।
  • Sp Tripathi सुप्रभातम् ।।See Translation
  • Anjani Srivastava उत्तम सोच है सर ! देशहित में गलत बात को खुलेआम कहना चाहिए, बल प्राप्त होता है सर......See Translation
    23 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh अजंनी सुदंर विचार।
  • Madhvi Srivastava bilkul sahi
    22 hours ago · Unlike · 1
  • Brahmdeo Prasad Gupta impartial administration is the only answer,politics of vote bank will lead to nowhere one has to care for humanity.
    21 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh अवनींद्र जी कभी कुछ लिख भी दिया करो खराब तो खराब ही सही।
    आपका इन कविताओं का झाकंना भर अच्छा न लगेगा।
    तिवारी जी तो यदाकदा दिख जाते हैं अपना आशीर्वाद दे जाते हैं।
  • Kamal Raj Agrawal समाज की विक्रतिओ की एक बेहतरीन रचना बहुत बहुत बधाईयॉ काश हम लोग इन बुराईयो से ऊपर उठकर सोच पाते तो शायद हम राम राज्य की नींव रख पाते
    17 hours ago · Unlike · 1
  • Himanshu Mahla बेहतरीन,,,,,,See Translation
    17 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh अग्रवाल साहब और मोहतरमा हिमांशु जी आप दोनों का बहुत शुक्रिया।

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