Sunday, July 13, 2014

भूली बिसरी यादें !

कलम से....

भूली बिसरी यादें,
किसी को सताती है,
किसी को याद भी नहीं आती है,
दूसरे कैटेगरी के लोग ही प्र॓कटीकल कहलाते है,
पहली वाले, संटीमेनटल और बेकार जाने जाते है ।

जो वक्त के साथ बदल जाते है,
केवल वही प्रगतिशील कहलाते है।

दोस्तों, फैशन का जमाना है,
हर रोज, एक नयी चीज को आना है,
कुछ दिन तक दुपटटे-सलवार का जमाना था,
दुपटटे को मारो गोली,
अब जीनस-पैनट को अपनाना है ।

हवा मे उडता जाए,
मेरा लाल दुपपटा मलमल का,
एक सुनदर बीते युग का गाना है,
लेकिन न सुहाये अब नौजवानों को उनको लगता ए पुराना है ।

वक्त बदलता रहता है,
खुश रहता वो जो हर हालात को जीना जाने है ।
 — with SN Gupta and 6 others.
Photo: कलम से....

भूली बिसरी यादें,
किसी को सताती है,
किसी को याद भी नहीं आती है,
दूसरे कैटेगरी के लोग ही प्र॓कटीकल कहलाते है,
पहली वाले, संटीमेनटल और बेकार जाने जाते है ।

जो वक्त के साथ बदल जाते है,
केवल वही प्रगतिशील कहलाते है।

दोस्तों, फैशन का जमाना है,
हर रोज, एक नयी चीज को आना है,
कुछ दिन तक दुपटटे-सलवार का जमाना था,
दुपटटे को मारो गोली,
अब जीनस-पैनट को अपनाना है ।

हवा मे उडता जाए,
मेरा लाल दुपपटा मलमल का,
एक सुनदर बीते युग का गाना है,
लेकिन न सुहाये अब नौजवानों को उनको लगता ए पुराना है ।

वक्त बदलता रहता है,
खुश रहता वो जो हर हालात को जीना जाने है ।

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