Sunday, July 13, 2014

सरदार खुशवंत सिंह जी

आज प्रेस मे ऐक news item देखा कि सरदार खुशवंत सिंह जी की यादें ऊनके पुत्र लेकर पाकिस्तान गये है और ऊनकी स्मृति मे एक शिलालेख लगाया गयाहै ।
उनके लिऐ मेरे श्रधासुमन.....

एक खुदा बंदे की मै बहुत इज्जत करता हूँ,
वो भी लिखते पढ़ते थे,
देर रात महफिल नहीं सजाया करते थे,
हर शाम सकाच हाथ मे होती थी,
उनका डॆटीमाइडं कहीं और फोकस रहता था,
ना काहू से दोस्ती ना काहू से प्यार,
एक लैमपशैल मे बैठ लिखा करते थे,
पिछली सदी मे पैदा हुये लेकिन इस सदी की बात लिखा करते थे,
ऐसे वैसे इनसान नहीं विरले हुआ करते थे,
इस सरदार को मेरा नमन वह अनमोल हुआ करते थे ।

सरदार खुशवंत सिंह को मेरा सलाम ।
 — with Ajay Kumar Misra and 8 others.
Photo: आज प्रेस मे ऐक news item देखा कि सरदार खुशवंत सिंह जी की यादें ऊनके पुत्र लेकर पाकिस्तान गये है और ऊनकी स्मृति मे एक शिलालेख लगाया गयाहै ।
उनके लिऐ मेरे श्रधासुमन.....

एक खुदा बंदे की मै बहुत इज्जत करता हूँ,
वो भी लिखते पढ़ते थे,
देर रात महफिल नहीं सजाया करते थे,
हर शाम सकाच हाथ मे होती थी,
उनका डॆटीमाइडं कहीं और फोकस रहता था,
ना काहू से दोस्ती ना काहू से प्यार,
एक लैमपशैल मे बैठ लिखा करते थे,
पिछली सदी मे पैदा हुये लेकिन इस सदी की बात लिखा करते थे,
ऐसे वैसे इनसान नहीं विरले हुआ करते थे,
इस सरदार को मेरा नमन वह अनमोल हुआ करते थे ।

सरदार खुशवंत सिंह को मेरा सलाम ।

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