Sunday, July 13, 2014

रात्रि प्रहर है !

कलम से ....

रात्रि प्रहर है,चंद्र धवल,
नदप्रवाह है, प्रबल,
मन मे है
ऊथल-पुथल,
वेग हो रहा, प्रबल,
शान्त मन नहीं
हो पा रहा,
रहाहै,खूब मचल।
 — with SN Gupta and 16 others.
Photo: कलम से ....

रात्रि प्रहर है,चंद्र धवल,
नदप्रवाह है, प्रबल,
मन मे है
ऊथल-पुथल,
वेग हो रहा, प्रबल,
शान्त मन नहीं
हो पा रहा,
रहाहै,खूब मचल।

No comments:

Post a Comment