Sunday, July 27, 2014

आफिस की छुट्टी हुई मैने अपनी छतरी ली और मस्ती में निकल लिया।

कलम से _ _ _ _


आफिस
की छुट्टी हुई
मैने अपनी छतरी ली
और
मस्ती में निकल लिया।

रास्ते में
मंडी से रोहू ली
एक हाथ छतरी
दूसरे में रोहू
सीना चौडा कर
लोगों की निगाह में
खटकता हुआ
आगे बढता हुआ
घर की ओर
चलता रहा।

सुनहरी शाम के
सपने का खाका
दिमाग में
गहराता जा रहा था।

घर के दरवाजे पर
छतरी की आहट से ही
मोहनी ने झट से
दरवाजा खोल
स्वागत किया
देखा हाथ रोहू
मन उसका बल्लियों
उछाल मारने लगा
बंगाली परिवार में
रोहू का आना
बडी बात होती है।

कलकत्ते की
गरमी से निजात
पाने की जरूरत महसूस होती है।

खाना पीना हो गया
मै छत पर ऊपर आ गया
हौले से पीछे
मोहनी भी आ गई
चाँदनी रात में
बदली सी छा गई
कभी इस ओट
कभी उस ओट
चादं तक ने लगा
मैने धीरे से
चमेली का हार
मोहनी के काली काली
गेसुओं में टांक दिया।

खुशी की लहर
एक चेहरे पर दौड गई
स्वप्निल रात भरी आँखों में तैर गई
न जाने कितनी बीती रातें
याद आ गईं
अचानक आँख खुशी से छलक गई।

दिल के अमीर लोगों के
छोटे छोटे सपने बनते बिगडते हैं
कुछ पूरे होते हैं
कुछ अधूरे ही रह जाते हैं
इसीलिए, सपने सपने ही होते हैं।

//surendrapal singh//
07 28 2014

http://1945spsingh.blogspot.in/

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary and Udit Dhar.

Photo: कलम से _ _ _ _

आफिस 
की छुट्टी हुई
मैने अपनी छतरी ली
और
मस्ती में निकल लिया।

रास्ते में
मंडी से रोहू ली
एक हाथ छतरी 
दूसरे में रोहू
सीना चौडा कर
लोगों की निगाह में
खटकता हुआ
आगे बढता हुआ
घर की ओर 
चलता रहा।
 
सुनहरी शाम के
सपने का खाका
दिमाग में 
गहराता जा रहा था।

घर के दरवाजे पर
छतरी की आहट से ही
मोहनी ने झट से
दरवाजा खोल
स्वागत किया 
देखा हाथ रोहू
मन उसका बल्लियों
उछाल मारने लगा
बंगाली परिवार में
रोहू का आना 
बडी बात होती है।

कलकत्ते की
गरमी से निजात
पाने की जरूरत महसूस होती है।

खाना पीना हो गया
मै छत पर ऊपर आ गया
हौले से पीछे 
मोहनी भी आ गई
चाँदनी रात में
बदली सी छा गई
कभी इस ओट 
कभी उस ओट
चादं तक ने लगा
मैने धीरे से 
चमेली का हार
मोहनी के काली काली
गेसुओं में टांक दिया।

खुशी की लहर 
एक चेहरे पर दौड गई
स्वप्निल रात भरी आँखों में तैर गई
न जाने कितनी बीती रातें
याद आ गईं
अचानक आँख खुशी से छलक गई।

दिल के अमीर लोगों के
छोटे छोटे सपने बनते बिगडते हैं
कुछ पूरे होते हैं
कुछ अधूरे ही रह जाते हैं
इसीलिए, सपने सपने ही होते हैं।

//surendrapal singh//
07 28 2014

 http://1945spsingh.blogspot.in/

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
  • Harihar Singh सपने सपने होते है ।बहतरीन प्रस्तुतिSee Translation
    2 hours ago · Unlike · 1
  • Krishna Kumud Tewari "दिल के अमीर लोगों के
    छोटे-छोटे सपने
    बनते और बिगड़ते हैं
    कुछ पूरे होते हैं
    कुछ अधूरे ही रह जाते हैं"...
    क्या खूबसूरती से आतुकान्त काव्य शैली में तराशा है रचना को आपने..
    तमाम विषय वस्तु तो हमारे इर्द-गिर्द बिखरी पडी है.. खूबी यह है कि उन्हें मन की आँखों से देखकर तराशा जाए मूर्तिरूप में..
    बंगला समाज की एक छोटी किन्तु अलौकिक खुशी के स्पन्दन के अमूर्त को मूर्तिरूप प्रदान करने के लिए.. साधुवाद ।
    2 hours ago · Unlike · 3
  • Rajan Varma दिल के अमीर लोगों के सपनों की बुनियाद छोटी-छोटी खुशियों में निहित होती है- जैसे रोहू (मुझे रोहू का अर्थ नहीं मालूम- अंदाज़ लगा सकता हूँ कि एक किस्म की मछली होगी शायद), चमेली का हार इत्यादि; जरूरी तो नहीं कि खुशी केवल चाँद को हासिल करने से ही मिले;
    2 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh धन्यवाद ह्रदय से। रचना ने आपके मन के तारों को झंकृत कर दिया। मुझे बहुत प्रसन्न कर रही है आपकी टिप्पणी।
    कृपया अपने मित्र राय चौधरी से अवश्य शेयर करें।
    पुनः धन्यवाद एवं आभार।
  • Anjani Srivastava बहुत सुंदर सर ! "अचानक आँख खुशी से छलक गई" कि 
    कौन सा आभूषण कम रह गया ? मगर........... 
    ' सपने सपने होते है '
    See Translation
  • Sp Dwivedi Aabhar sir uttam kriti.
  • Arun Kumar Singh Bahut sunder Sir
  • S.p. Singh अंजनी, 
    इस भेंट के लिए आभार व्यक्त करता हूँ।
  • S.p. Singh Sp Dwivedi : बहुत धन्यवाद।
  • S.p. Singh अरुण, 
    क्या कहूँ हम तुम्हारी age group से निकल आए हैं।
    देने के लिए बहुत कुछ है जिससे युवा दिल भी धडक जांए पर अब उम्र का तकाजा है और लोगों ने हाथों को भी बांधा है।
    ...See More
    • Anjani Srivastava धन्यवाद सर, अपना आशीष प्रदIन करे ...............See Translation
      17 hours ago · Unlike · 1
    • 16 hours ago · Unlike · 1
    • Rajan Varma सर लोगों ने हाथों को ही तो बांधा है- पर हाथी भी कभी बंध पाया है भला? कौनो बंधन इत्ता मजबूत नाहिं बा कि हाथी को बांध पाये
      14 hours ago · Unlike · 3
    • S.p. Singh अभी अभी एक नई पोस्ट की है बधंन पर अवश्य अवलोकन कर प्रतिक्रया देने का कष्ट करें।
      धन्यवाद।
      12 hours ago · Like · 1
    • BN Pandey KAL RAAT DIKHAA KE KWAABE-TARAB JO SEJ KO SUNAA CHHOR GAYAA HER SILWAT SE PHIR AAJ USI MEHMAAN KI KHUSBOO AATI HAI...........AAKHIR SAPANE TO SAPANE HAI HOTE HAI
      12 hours ago · Like · 2
    • Rajan Varma बंधन वाली पोस्ट दीखाई नहीं पड़ी सिहँ साहब- मैं काफी दूर तक स्क्रौल कर आया;
      11 hours ago · Unlike · 2
    • S.p. Singh आपने ढूढं ही डाली।
      10 hours ago · Like · 1
    about an hour ago · Like

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