Sunday, July 27, 2014

राधिके सुन लेउ हमारी एक बात, तू डाल कदम्ब की हम हैं उसके पात।

कलम से _ _ _ _

राधिके सुन लेउ हमारी एक बात,
तू डाल कदम्ब की हम हैं उसके पात।

बोलो कन्हाई बोलो उर तिहारे क्या है
बाहर आने को क्यों जो इतना तडप रहा है।

राधे सुन वाँसुरी जब जब अधर धरी है
तब तब सीने में तिहारे आग लगी है।

हाँ, तू बिलकुल सही अपनी कह रहो है
होत पीर कलेजे तू जब बंसी अधर धरे है।

सुन राधे राग रागनियाँ सब तुझसें है
तू ही तो है लाडली मेरे जो अधर सजी है।

तू ही तो है राधिके जो म्हारे हिबडे बसी है
तेरे रूप रंग सों ही राधे मैं जानो जाऊँगो
तू जब जब पुकारेगी भाजौ चलो आऊगों
नाराज न हो सखी जी धर लयो यह बात ।

//surendrapal singh//

07282014

http://1945spsingh.blogspot.in/

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.

Photo: कलम से _ _ _ _

राधिके सुन लेउ हमारी एक बात,
तू डाल कदम्ब की हम हैं उसके पात।

बोलो कन्हाई बोलो उर तिहारे क्या है
बाहर आने को क्यों जो इतना तडप रहा है।

राधे सुन वाँसुरी जब जब अधर धरी है
तब तब सीने में तिहारे आग लगी है।

हाँ, तू बिलकुल सही अपनी कह रहो है
होत पीर कलेजे तू जब बंसी अधर धरे है।

सुन राधे राग रागनियाँ सब तुझसें है
तू ही तो है लाडली मेरे जो अधर सजी है।

तू ही तो है राधिके जो म्हारे हिबडे बसी है
तेरे रूप रंग सों ही राधे मैं जानो जाऊँगो
तू जब जब पुकारेगी भाजौ चलो आऊगों
नाराज न हो सखी जी धर लयो यह बात ।

//surendrapal singh//

07282014

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  • Harihar Singh राधे राधे जीSee Translation
    5 hours ago · Unlike · 2
  • Rajan Varma राधे बाँसुरी को सौत समझत है, यही मारे पीर करेजवा उठत है, जब-जब सौत अधर धरे है; कन्हैया कहिन बाँसुरी तो राधे ही भयो है, जब राधे सामने नाहिं रहिन तो बाँसुरी मा राधे दिखो है; राधे-राधे सर- मुझे बृज-भाषा का ज्ञान नहीं है- त्रुटि-दोष के लिये क्षमा चाहता हूँ; रचना आप बृज-भाषा में लिखे हैं तो टिप्पणी किसी अौर भाषा में सटीक नहीं बैठती अौर किये बगैर गुज़ारा भी नहीं-
    4 hours ago · Unlike · 2
  • S.p. Singh मैं भाषा को अहमियत देता हूँ चूकिं विचारों की अभिव्यक्ति का वह माध्यम बनती है।
    पर मेरी समझ में विचार श्रेष्ठ है।
    विचार ही न होगा तो अभिव्यक्ति अकेली क्या करेगी।
    आप निश्चिंत हो अपनी भावनाओं को बहने दीजिये।
    बहुत धन्यवाद।
    4 hours ago · Edited · Like · 5
  • Potty Kc Bhagavan krishna
    3 hours ago · Unlike · 1
  • Krishna Kumud Tewari श्री राजन जी के कमेंट पर.. आपका ज्ञापित धन्यवाद.. काव्याभिव्यक्ति के समतुल्य आभावान है.. मुझे उम्मीद है कि हम सब भविष्य में.. आपकी पद्यात्मक ही नहीं गद्यात्मक रचनाओं का भी रसास्वादन कर सकेंगे.. साधुवाद सर ।
    3 hours ago · Like · 2
  • Suresh Chadha Jai shree RADHEY KRISHNASee Translation
  • Sp Dwivedi -
    बैरिणी वसुरिया बाज रही,
    नींद ,चैन सब खिंच जादू से 
    मोहनी मन्त्र उचार रही.
    कैसे लाज तजूँ कुल की 
    वह लै लै नाम बुलाय रही 
    बैरिणी बासुरिया बाज रही.
  • S.p. Singh तिवारी जी, 

    आज आपका आदेश सर माथे। एक कविता बंगाली परिवार की कहानी पर पोस्ट कर रहा हूं आशा है कि पसंद आएगी। कमेन्ट अवश्य करें।
    3 hours ago · Edited · Like · 2
  • BN Pandey baasuri ki ek khaasiyat hoti hai ki pure pore me koi bhi gaanth nahi hoti hai esi liye dil ko chhoo jaati hai ..........ye to kavi mun ki abhivyakti hoti hai ...apani uraan me musti se urataa hai...........such ye hai ki .baasuri ki hi tarah radha- krishn ka prem bhi hai binaa ghaanth ke.....RADHE- RAADHE
    3 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh Sp Dwivedi : आपको हार्दिक धन्यवाद। आपने कविता में अपनी कथनी से चार चादं लगा दिए।
  • S.p. Singh पाडें जी, 
    आपकी बातें तो दिल के करीब होती हैं।
  • Ram Saran Singh राधा और कृष्ण में पूर्ण समर्पण भाव है । "तू डाल है कदंब की हम हैं उसके पाँत" बहुत बढ़िया और ध्वन्यात्मकता लिए है । साथ में आम जीवन का उपालंभ भी अच्छा मुखरित हुआ है । धन्यवाद ।
  • S.p. Singh धन्यवाद महोदय इस सारगर्भित टिप्पणी के लिए।

3 comments: