Sunday, July 13, 2014

आज सुबह सुबह उनसे मुलाकात हो गयी !

कल की ही तो है, बस यूँही चलते फिरते बाजार मे, एक पुराने सहभागी से मुलाकात हो गयी। हालचाल लेने-देने के बाद, वह बोले अब तो पुराने लोगों से बस फेसबुक पर मुलाकात होती है, साथ उठना बैठना तो दूर की बात हो गयी है।

फिर बोले आप तो बहुत ही अच्छा लिखते है, कुछ और करिए....

मन मेरे एक बात ऊठी, कही नही,पर लगा कि कभी वो भी "हमकही" को कभी like करते....हमारा भी दिल रखते ।

आज अपनी "बतकही" बस उनके नाम..........अनिल गर्ग जिनका नाम.

कलम से....
आज सुबह सुबह उनसे मुलाकात हो गयी,
जो कभी रहते थे अपने धर के पिछवाडे,
बोले यार कहाँ खो गये थे
कहाँ गायब हो गये थे
रोज मिलते मिलाते,
कहा मैंने भी उनसे कुछ ऐसे
चला गया था इक हसीना के पीछे दिल लगाते लगाते,
कैसा रहा एक्सपीरयेस लगाने के दिल का, पूछा जो उसने
अनायास ही निकला मेरी जुवाँ से,
नहीं रास आया मुझे ऐ दिल का ए देना दिलाना,
है राह बहुत ही मुश्किल,
दिल की तंग गलियों मै
चलना चलाना ।

मै और मेरी जिन्दगी यूँही
गुजरेगी किसी की मुहबबत बिना बहुत अछी,
मै यूही बहुत खुश हूँ
और खुश ही रहूंगा,
तूमसे बस मिलते मिलाते ।
 — with SN Gupta and 3 others.
Photo: कल की ही तो है, बस यूँही चलते फिरते बाजार मे, एक पुराने सहभागी से मुलाकात हो गयी। हालचाल लेने-देने के बाद, वह बोले अब तो पुराने लोगों से बस फेसबुक पर मुलाकात होती है, साथ उठना बैठना तो दूर की बात हो गयी है।

फिर बोले आप तो बहुत ही अच्छा लिखते है, कुछ और करिए....

मन मेरे एक बात ऊठी, कही नही,पर लगा कि कभी वो भी "हमकही" को कभी like  करते....हमारा भी दिल रखते ।

आज अपनी "बतकही" बस उनके नाम..........अनिल गर्ग जिनका नाम.

कलम से....

सुबह सुबह आज उनसे मुलाकात हो गयी,
जो कभी रहते थे अपने धर  के पिछवाडे,
बोले यार कहाँ खो गये थे 
कहाँ गायब हो गये थे
रोज मिलते मिलाते,
कहा मैंने भी उनसे कुछ ऐसे
चला गया था इक हसीना के पीछे दिल लगाते लगाते,
कैसा रहा एक्सपीरयेस लगाने के दिल का, पूछा जो उसने
अनायास ही निकला मेरी जुवाँ से,
नहीं रास आया मुझे ऐ दिल का ए देना दिलाना,
है राह बहुत ही मुश्किल,
दिल की तंग गलियों मै
चलना चलाना ।

मै और मेरी जिन्दगी यूँही 
गुजरेगी किसी की मुहबबत बिना बहुत अछी,
मै यूही बहुत खुश हूँ
और खुश ही रहूंगा,
तूमसे बस मिलते मिलाते ।
  • SN Gupta बहुत सुन्दर
  • Anil K Garg Sir, thanks for your ' Hamkahee ' & your beautiful feelings. Only two days ago , i have liked your poems & given my comment.. Also, it was really nice to meet you & Bhabhi Ji y'day . Sir, we have met twice in Madhu Vihar & once in ; Big Bazar '. That means destiny wants that we should meet each other at regular interval. But, as discussed y'day, I wd certainly come to your place some day to revive old memories.. Sir,keep plenty of 'Chivas Regal' and / or ' Black Label ' in stock. With best regards, till we meet next.....
  • Ramaa Singh What ever you say it will be fully complied. You are always welcome at home.
  • Jai Wokhloo very nice, Do convey my regards to Singh saheb.
  • S.p. Singh Anil you are always welcome home. Come at any time. We will make your visit worth that's our assurance to you.
  • Sp Tripathi सर, आपने तो मुलाक़ात को एक नायाब कविता का रूप दे दिया । बहुत ही अच्छा एहसास होता है यह सोचकर कि हम आपसे जुड़े हैं । आपका यही स्नेह मिलता रहे यही ईश्वर से विनती है ।।See Translation
  • S.p. Singh SP अब वक्त ही वक्त है सोचने को कुछ नया करने को, इसलिए चलती फिरती मुलाकात भी अच्छी लगती है । नयी बात बन जाती है । मोबाइल मे हिन्दी font मिलने से साधारण बात भी अलग बन जाती है । हम लोगों मे यह प्रेमाभाव बना रहे एसी अभिलाशा है ।

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