Saturday, July 26, 2014

माँ यशोदा कन्हिया से

कलम से _ _ _ _

माँ यशोदा कन्हैया से:-

उठ लाला उठ भोर भई
अब कहाँ तू सोवत है
जा मुहं धोय लै
कछु खाय लै
कछु पी लै।

जा जा
गइयां राह तकि रहीं तेरी
भूखी देख खडी हैं कब की
और न तरसाऔ
जा मेरे लाला गइय्यन पाछे जाऔ..........


//surendrapal singh//

07272014

http://1945spsingh.blogspot.in/

and

http://spsinghamaur.blogspot.in/
 — with Puneet Chowdhary.

Photo: कलम से _ _ _ _

माँ यशोदा कन्हिया से:-

उठ लाला उठ भोर भई
अब कहाँ तू सोवत है
जा मुहं धोय लै 
कछु खाय लै 
कछु पी लै
बाद वाकी फिर मुहं तू धोय लै
जा जा
गइयां राह तकि रहीं तेरी
भूखी देख खडी हैं कब की
और न तरसाऔ
जा मेरे लाला गइय्यन पाछें जाऔ..........
 

//surendrapal singh//

07272014

 http://1945spsingh.blogspot.in/

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  • Rajan Varma माँ-बेटे का निश्छल, स्वभाविक ममत्व ये जानते हुये भी कि उनका लल्ला कौनो साधारण बालक नहीं पर माँ कैसे भूल जाये कि वो माँ है अौर लल्ला उनका बाल-गोपाल; भगवन् होंगे वो अपने सतलोक में! यहाँ तो उनके लाला का रोल निभाय पड़ी- गइयां चराय पड़ी- वाह री माँ की ममता- तुझे प्रणाम
    4 hours ago · Unlike · 3
  • Ram Saran Singh बचपन की याद कराती यह कविता वात्सल््य से सराबोर है । धन्यवाद ।
    4 hours ago · Unlike · 3
  • Sudhakar Pandey Radhe Radhe
    4 hours ago · Unlike · 1
  • Gian Chand Pawar जय श्री राधे राधे
    3 hours ago · Unlike · 1
  • BN Pandey UTHO LAAL AB AANKHE KHOLO PAANI LAAYI HU MUH DHO LO...............BACHAPAN KI PERHI HUI KAVEETAA EKAAEK YAAD AA GAYI...SUB KI MAIYAA YAHI KARATI HAI CHAAHE KRISHNN JEE HO CHAHE......KOI DUR GAAO KA KISHUNAWAA.........JAI SHRI KRISHNA
  • Harihar Singh बहतरीनSee Translation

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