Sunday, July 13, 2014

मनकापुर - मनुवर नदी

कलम से ....

इस छोटी सी कविता के माध्यम से मै अपनी मनकापुर प्रवास को और उन सभी महानभावौ को नमन करता हू जिनकी सहभागिता का अवसर मिला ।
जो लोग मनकापुर से अवगत है ऊनको स्मरण होगा कि मनुवर नदी पर एक पुराना causeway हुआ करता था ऊसके एक तरफ महाराज अमिबकेशवर प्रताप सिंह जी का महल (जो कालातर मे फ्रेनच क्लब रहा) और एक ओर महाराज रघुराज सिंह जी की क्षत्री है।

ए भाव मेरे मनकापुर प्रवास के दौरान के ही है, आशा है कि पसंद आयेगे।

'मनुवर किनारे कोई रहता है,
सदियों से, आजकल की बात नहींहै,
मेरा राजकुमार,
राजप्रसाद से निकल,
चाँदनी तले,
मिलन की आस लिये,
हो सफेद घोड़े पर सवार,
मेरे सपने मे जो आता है,
मनुवर किनारे कोई रहता है।

कल ही की तो बात है,
लाये थे ठठरी पर लाद,
काधे पर लेकर,
पुल के उस पार से,
मेरे सपनों के संसार से,
कुछ देर रुके, रोये पीटे,
अग्नि को सौंप कर,
सोचकर, वह तो पंचततव मै मिल गया,
अब क्या वो आयेगा ?

कोई नहीं जानता था,
वह आयेगा,
शभ्रधवल वस्त्रौ मै,
हो सफेद घोड़े पर सवार,
मिलन को तरसता,
मेरा राजकुमार,
मनुवर किनारे जो रहता है।'

Photo: कलम से ....

इस छोटी सी कविता के माध्यम से मै अपनी मनकापुर प्रवास को और उन सभी महानभावौ को नमन करता हू जिनकी सहभागिता का अवसर मिला ।
जो लोग मनकापुर से अवगत है ऊनको स्मरण होगा कि मनुवर नदी पर एक पुराना   causeway हुआ करता था ऊसके एक तरफ महाराज अमिबकेशवर प्रताप सिंह जी का महल (जो कालातर मे फ्रेनच क्लब रहा) और एक ओर महाराज रघुराज सिंह जी की क्षत्री है।

ए भाव मेरे  मनकापुर प्रवास के दौरान के ही है, आशा है कि पसंद आयेगे।

'मनुवर किनारे कोई रहता है,
सदियों से, आजकल की बात नहींहै,
मेरा राजकुमार,
राजप्रसाद से निकल,
चाँदनी तले,
मिलन की आस लिये,
हो सफेद घोड़े पर सवार,
मेरे सपने मे जो आता है,
मनुवर किनारे कोई रहता है।

कल ही की तो बात है,
लाये थे ठठरी पर लाद,
काधे पर लेकर,
पुल के उस पार से,
मेरे सपनों के संसार से,
कुछ देर रुके, रोये पीटे,
अग्नि को सौंप कर,
सोचकर, वह तो पंचततव मै मिल गया,
अब क्या वो आयेगा ?

कोई नहीं जानता था,
वह आयेगा,
शभ्रधवल वस्त्रौ मै,
हो सफेद घोड़े पर सवार,
मिलन को तरसता,
मेरा राजकुमार,
मनुवर किनारे जो रहता है।'
  • Jayshree Verma Bahut khub .Itni sunder feeling ko Mankapur days me club magzine me keyo nahi diya.
  • Bagga Sk bahut hi ach & manmohak bhav hae , thanx for reambering this butful place.
  • Suresh Chadha Cha gaye sir
  • Ratnaker Srivastava Kya Bat hi Sir nice
  • Ramaa Singh Just reminding that stay at Mankapur was gr8.
  • Ramaa Singh Bagga ji aapka like karne ka pattern bahut aacha lagta hai.
  • BN Pandey AAPKI BHAVANAWO KO SAT- SAT NAMAN.
  • Anil Kumar Madan Atti sunder
  • Kc Roychowdhury Nice to bring it to our memory
  • Krishna Kumar Chandrakar Manuvar nadi..Raja ka mahal..ITI Campus..,Nice to remember.
  • Shlesh Rathore Ulfat शभ्रधवल वस्त्रौ मै,
    हो सफेद घोड़े पर सवार,
    मिलन को तरसता,
    मेरा राजकुमार,
    मनुवर किनारे जो रहता है।' भावपूर्ण व सार्थक प्रस्तुति
  • S.p. Singh I would be very happy if this small poem is once again put across my friend circle. It was written by me some time in 1997-98 during my stay at Mankapur.
  • Ram Saran Singh मैंने मनुवर नदी नहीं देखी है । राजकुमार का आना, मिलन की अपूर्ण आस, ये सब कुछ बड़ा ही चित्रात्मक लगता है । सुंदर वर्णन ।
  • BN Pandey GEETA ME KRISHN NE HUME "AASAKTI" SE DUR RAHANE KO KAHA HAI KINTU AAP KI RACHANA ME ITANA DUM HAI KI HUM ME BURBUS "ASAKTI" KA PRABHAAV HO JATA HAI. KAVITA KE BHAAV DILO PER RAAJ KARATE HAI.
  • Sp Tripathi इस फ़ोटो को देखकर मुझे १९८४ जून की एक घटना याद आ गई । ९जून से ११ जून तक इतनी बरसात हुई(१५० mm rainfall in 3 days) कि मनवर नदी का पानी इस महल तक आ गया था । ITI का निर्माण कार्य ज़ोरों से चल रहा था । पूरा ITI परिसर पानी में डूबा था । मनवर नदी में इतना ज़्यादा और तेज़ पानी का बहाव था कि उसपार जाना असम्भव था । उतरौला रोड भी पानी में डूबा था । एक फ़ोटोग्राफ़र को लेकर मैं इसी महल के छत पर गया और वही से जो भी कवर हो सकता था फ़ोटो लिया और अगले दिन उन फ़ोटो को लेकर लखनऊ आया । मेरा गोंडा का घर भी चारों तरफ़ से पानी से घिरा था । घर से टामसन कॉलेज तक मैं ४ फ़ुट पानी में चलकर कार तक पहुँचा । ब्रीफ़केस सर पर रखकर लाया था ।टामसन कॉलेज के सामने सड़क पर कपड़े बदल कर लखनऊ आया और वह फ़ोटो ग्राफ्स खन्ना साहब को दिया ।See Translation
  • S.p. Singh Sp Tripathi : देखो कितनी ही यादें इस फोटो के साथ ताजा हो गई । मनकापुर के साथ जुडे लोगों के लिए मेरी यही छोटी सी भेट ।इसको ढूढने के लिए मुझे भी net से प्रयास करना पडा। आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि मेरी मेहनत रंग ला रही है ।
  • BN Pandey SHRI S.P.TRIPATHI JI KE SAATH BEETI HUI GHATANA PARH KER AAJ MAI JAAN PAYA KI MANKAPUR ITI ME FLOOD WALI MASSAGE AUR PHOTOGRAPH LKO PRATAP BHAVAN ME KAISE PAHUCHA THA. MAI ITI LTD NAINI SE PRATAP BHAVAN LKO OFFICE 03. 04. 1984 KO CMB ME SHRI R. C AGRAWALJI KE UNDER ME JOIN KIYA THA. ES GHATANA KO AGRAWAL SB. NE HUM SUB KO BATAYA. EK BAAR MUN ME AAYA THA KI ALLAHABAD KI SHANDAR ZINDGI KO CHHOR KER FRANCE JANE KE LALACH ME KYO JOIN KIYA. MAI KAI DINO TUK APANA FUTURE SOCH KER PARESAAN RAHA. ANY HOW MANKAPUR ME HAMNE APANE JEEVAN KA SWARREEM DEEN BITAYA. A BIG SALUTE TO TRIPATHI SAHIB & HIS TEAM FOR THEIR GREAT HARD SHIP WHICH MADE OUR MANKAPUR TOWN SHIP A MEMERABLE FOR US.
  • BN Pandey SHRI S.P.SINGH SIR AAP KO VISHESH TAUR PER APANE AUR ITI LTD MANKAPUR KE SUBHI SATHIO KE BEHALF PER VISHESH ABHAAR VYAKT KARANA CHAHUNGA JISNE N SIRF EK SUNDER MANUWAR KI RACHANA KI APITU EK AISE SUTR DHAAR KI BHUMIKA BHI NIBHAI JISKI VAJAH SE JANE ANJAANE TAMAAM ULJHANE SULAJHATI JAA RAHI HAI. SAADAR NAMAN
  • Kunwar Bahadur Singh baat iti se baahar aakar aanand degi .yahan to bahut hi confusing log the.bt singh saheb aapka prayaas sarahneeya hai;naukri ki masti,baahar ki duniya mein sayad bahut fark hai.jo hai wo hai mohaabbat aur inshaniyat jo jeewan bhar saath rahti hai.sayad wo bhi ishwar ki kripa se milti hai.

No comments:

Post a Comment