Tuesday, July 15, 2014

उनका मासूम चेहरा, ख्वाबों में तो दिख जाता है !

कलम से _ _ _ _


उनका मासूम चेहरा,
ख्वाबों में तो दिख जाता है,
ढूंढते रहते हैं रात दिन,
गली गलियारों में,
फिर भी कहीं नजर नहीं आता है।

हार नहीं मानूंगा,
ढूढं के जानूंगा,
क्यों दिख कर,
फिर कहीं छुप जाते हो,
बादलों से आकर,
बिन बरसे ही चले जाते हो,
न जाने फिर कहीं खो जाते हो।

आना ही होगा तुम्हें,
मुझे पाना ही होगा,
ठहरी सी जिंदगी पर,
नाम अपना लिखना होगा।

//surendrapalsingh//

07152014

http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html

 — with Ram Saran Singh and 45 others.
Photo: कलम से _ _ _ _

उनका मासूम चेहरा,
ख्वाबों में तो दिख जाता है, 
ढूंढते रहते हैं रात दिन,
गली गलियारों में,
फिर भी कहीं नजर नहीं आता है।

हार नहीं मानूंगा, 
ढूढं के जानूंगा,
क्यों दिख कर, 
फिर कहीं छुप जाते हो,
बादलों से आकर, 
बिन बरसे ही चले जाते हो,
न जाने फिर कहीं खो जाते हो।

आना ही होगा तुम्हें,
मुझे पाना ही होगा,
ठहरी सी जिंदगी पर, 
नाम अपना लिखना होगा।

//surendrapalsingh//

07162014

http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
  • Ram Saran Singh आप हार नहीं मानेंगे और वे छिपते रहेंगे । देखिए लुका-छिपी का यह खेल कब तक चलता है । मुझे एक शेर याद आ रहा है । " अजब पर्दा है छिपे बैठे हैं चिलमन में, न साफ़ छिपते हैं और न होते हैं रूबरू । " लेकिन आपकी हिम्मत को दाद देते हुए धन्यवाद । रहस्य पर बढ़िया प्रस्तुति ।
  • Rajan Varma बहुत खूब सर- प्रत्यक्ष में लेखनी आपकी कुछ कहती है परोक्ष में आपके मन में क्या है यह तो आप ही जानते हैं- हम तो अपना-अपना कयास ही लगा सकते हैं; रहस्यमय़ी तो आवश्य ही कोई है जिन्हेंं आप गली-गलियारों में ढंढने की बात करते हैं; आपने संकेत तो काफ़ी दिये हैं- 'हार नहीं मानूँगा, ढंूढ के जानूँगा---बादलों में छिप जाते हो, बिन बरसे ही चले जाते हो, खो जाते हो---आना ही होगा, मुझे पाना ही होगा--इत्यादि'- पर मैं पहेलियाँ बूझने में सदैव ही फ़िस्सड्डी रहा हूँ; 
    ख़ैर मुझे अपकी पहेली हल ही क्यों करनी है- मुझे तो अपने मतलब का, अपनी भलाई की अोर इंगित करता हुआ संकेत ही उठाना है बस, प्रेरणा लेनी है अौर फ़िर से अपना संकल्प मज़बूत करना है- उस चित्तचोर को ढंूढने का, जो अब तक लुका-छिपी के खेल में मुझ पर बिन बरसे ही अोझल हो जाता है;
    बहुत गहराई तक सोचने को विवश करती आपकी ये रचना- अंतर्मन झंझोड़ कर उठाने का प्रयास करती है
  • S.p. Singh सिंह साहब आपने सही कहा है कि जीवन के रहस्यों पर यह लुकाछिपी चलती ही रहती है। इसी को जीने की लडाई मानता हूं मैं।
    पसंदगी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
  • S.p. Singh राजन जी, 

    चिलमन के पीछे से इशारे से कोई जब बुलाए तो उसका अता पता तो लगाना ही होगा। बारिश की तरह करीब आकर भी बारिशों का अहसास न कराए तो कुछ न कुछ रहस्य तो लगेगा ही।

    कहानियाँ नहीं बनेगीं, कैनवास पर पेन्टिंग नहीं बनेगी और लोगों के दिलों में मोहब्बत नही रहेगी तो हम जैसे लोग क्या करेंगे। इसलिए अफसाने तो बनेगें। इन्हीं अफसानों पर हम अपना नाम लिखेंगे।

    रचना के मर्म को उभारने और निकेरने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
  • Harihar Singh बहतरीन रचनाSee Translation
  • Ajay Kumar Misra रचना के साथ-साथ हमको आर.एस.सिँह साहब और राजन साहब का संवाद भी अच्छा लगा।See Translation
    23 hours ago · Unlike · 2
  • Bhawesh Asthana बहतरीन प्रस्तुति ।
    22 hours ago · Unlike · 1
  • SN Gupta Marathon record making sir,Good >Better>Best>>>>>>------------>
    21 hours ago · Unlike · 3
  • Sanjay Tripathi · Friends with Javed Usmani
    सुंदर स्वरूप में सुंदर संकल्प!
    See Translation
    19 hours ago · Unlike · 3
  • S.p. Singh SN Sir : आपका आशीर्वाद ही मेरे लिए बहुत है।
    धन्यवाद।
  • Anil K Garg Sir, who is that lovely lady which comes to your dreams ?
    16 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh Read another poem which I shall post tomorrow to know little bit more about this secret.
  • Javed Usmani बहुत उम्दाSee Translation
    15 hours ago · Unlike · 1
  • Dhiraj Kumar बहुत सुन्दर सर
    15 hours ago · Unlike · 1
  • Shlesh Rathore Ulfat ठहरी सी जिंदगी पर, 
    नाम अपना लिखना होगा।..............सुंदर
    15 hours ago · Unlike · 1
  • S.p. Singh आप सभी मित्रों का आभार।
    इस कविता के माध्यम से मैं शैलेश से बहुत दिनों बाद जुड सका। मुझे प्रसन्नता हुई है।
    14 hours ago · Edited · Like · 1
  • Rajesh Gupta बहुत सुन्दरSee Translation
    13 hours ago · Unlike · 2
  • Gyan Prakash Diwedi · Friends with BN Pandey
    Just remember but not return
    4 hours ago · Unlike · 1
  • Neeraj Saxena · Friends with Harihar Singh and 2 others
    Ati sunder
    2 hours ago · Unlike · 1

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