कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Tuesday, December 30, 2014
दिल में न सही यादें धागे के सहारे ही टंगी रहती थीं !!!
कलम से____
एक जमाना था कील लगाकर दीवार पर टांग देते थे
दिल में न सही यादें धागे के सहारे ही टंगी रहती थीं !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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Singh Meera Kashyap
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Harihar Singh
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Rajan Varma
वही काम अब फ़ेस बुक कर देता है- आपको कुछ याद रखने की जरुरत ही नहीं- चीख-चीख कर आपका हैपी बर्थ-डे जग-ज़ाहिर कर देगा!!!
हाँ खास व्यक्तगत पल इसमें रिकार्ड नहीं कर सकते नहीं तो ये पोल खोल देगा!!!!
19 hrs
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Sunil Kumar Goel
Satay vachan
16 hrs
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Harihar Singh
सुप्रभात सुमंगलम् राधे राधे जी
5 hrs
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