कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Tuesday, December 30, 2014
घाट खाली है पसरा है सन्नाटा यहाँ
कलम से____
घाट खाली है पसरा है सन्नाटा यहाँ
नावें भी लग गईं हैं जाओगे अब तुम कहाँ !!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with
Puneet Chowdhary
.
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Ajai Kumar Khare
,
Brahmdeo Prasad Gupta
,
Ranvir Bhadauria
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एस.पी. द्विवेदी
सुप्रभात ,वर्ष का अंतिम दिवस खुशिओं की वरसात कर जाये |
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Harihar Singh
बहुत सुन्दर।रहस्य वाद
4 hrs
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Deobansh Dubey
बढ़िया।
4 hrs
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Ram Saran Singh
" न ठौर का पता न मंज़िल का ठिकाना, सिर्फ़ इक धंुध से आना और इक धुँध मेंं जाना । " । धन्यवाद आदरणीय ।
3 hrs
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BN Pandey
BEENAA ARREARS LIYE NATH NAAV N CHADHAYEEHO...
2 hrs
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