कलम से_____
पार्क में,
देखा अदभुत नज़ारा
एक गिलहरी को
दूसरी गिलहरी को
फूल देते देखा
लगा मौसम बदल-बदल
गया है
आसमां पर बादल
और जमीं पर
प्यार छा गया है
हम अपनी इनसानों की अब
क्या कहें
यहाँ हर जगह
प्यार, प्यार, बस प्यार
ही हो रहा है !!!!!
देखा अदभुत नज़ारा
एक गिलहरी को
दूसरी गिलहरी को
फूल देते देखा
लगा मौसम बदल-बदल
गया है
आसमां पर बादल
और जमीं पर
प्यार छा गया है
हम अपनी इनसानों की अब
क्या कहें
यहाँ हर जगह
प्यार, प्यार, बस प्यार
ही हो रहा है !!!!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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