कलम से_____
मंदिर से हो
शंखनाद
घड़ियाल
मंजीरा और ढोलक
पर हो थाप,
बहुत है मन को भाती
होती है जब आरती
मन हर जाती।
शंखनाद
घड़ियाल
मंजीरा और ढोलक
पर हो थाप,
बहुत है मन को भाती
होती है जब आरती
मन हर जाती।
मस्जिदों
की अजान
काम वही कर जाती
चलती फिरती दुनियां
ही जैसे रुक जाती।
की अजान
काम वही कर जाती
चलती फिरती दुनियां
ही जैसे रुक जाती।
गुरुद्वारे की
गुरुवाणी संतो
की बातें, है याद दिलाती।
गुरुवाणी संतो
की बातें, है याद दिलाती।
चर्च में
होते कोरल गीत
बुला कर कहते,
आजा मेरे मन मीत।
होते कोरल गीत
बुला कर कहते,
आजा मेरे मन मीत।
प्रभु ईश अल्लाह हैं सब एक
अनेकता में नेकता
का मिलता संदेश
फिर यह अग्नि कौन
लगाता है
भाई को भाई
से कौन लड़ाता है
सब मिल जुल कर करें
पूजा पाठ
रहें शांतिपूर्ण तरीके से
हो सबका विकास
ध्येय अगर हम सब अपना लें
देश हमारा उन्नति करे
दिन दूनी सुख समृद्धि बढे
ऐसी है मेरी आस।
अनेकता में नेकता
का मिलता संदेश
फिर यह अग्नि कौन
लगाता है
भाई को भाई
से कौन लड़ाता है
सब मिल जुल कर करें
पूजा पाठ
रहें शांतिपूर्ण तरीके से
हो सबका विकास
ध्येय अगर हम सब अपना लें
देश हमारा उन्नति करे
दिन दूनी सुख समृद्धि बढे
ऐसी है मेरी आस।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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