Saturday, December 6, 2014

पूनों कौ चाँद निकर आयो है सखी

पूनों कौ चाँद निकर आयो है सखी
चल निधवन में हम सिब रात बिताएंगे
कान्हा आज राधे संग धमाल मचायेंगे
भोर हैवे से पहिलें ही लौटि वे जायेंगे !!
जब रास लीला होनी है। सखियाँ भी तैयार हैं। कृष्ण गोपाल और राधिका भी आ रहे हैं। भला हम ही यहाँ रह कर क्या करें। चलें निधवन (वृन्दावन) चलें.......
कल भोर में मिलते हैं। हरिहर भाई के मधुर गीतों का इंतजार करते हैं। तब तक के लिए शुभ रात्रि।
— with Harihar Singh.
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