कलम से____
घाटी में
इस मौसम की
पहली बर्फबारी है हुई
सरद हवाओं का
आना जाना है
बना हुआ
दौरे ए बारिश
करता है परेशान
ऐसे में तुम कैसे
आओगे
मेहमान हैं
आने वाले
इंतजाम करने हैं
उनकी तो मौज मस्ती होगी
हिसाब किताब ठीक रहेगा
जब तब जेब हमारी गरम होगी
यह मौसम ही तो है
जो खींच लाता है
हर साल इनको
हमारे यहाँ ले आता है
रिश्ता हो गया है
घर जैसा
कभी कुछ नहीं कहते
आते हैं खुश रहते हैं
दर्द हमारा समझते हैं
अबके देखो क्या करते हैं
कुछ दर्द हमारे लेते हैं
या कुछ दर्द हमें देते हैं
आस है लगी बहुत
इसी आस पर हम जीते हैं
इस मौसम की
पहली बर्फबारी है हुई
सरद हवाओं का
आना जाना है
बना हुआ
दौरे ए बारिश
करता है परेशान
ऐसे में तुम कैसे
आओगे
मेहमान हैं
आने वाले
इंतजाम करने हैं
उनकी तो मौज मस्ती होगी
हिसाब किताब ठीक रहेगा
जब तब जेब हमारी गरम होगी
यह मौसम ही तो है
जो खींच लाता है
हर साल इनको
हमारे यहाँ ले आता है
रिश्ता हो गया है
घर जैसा
कभी कुछ नहीं कहते
आते हैं खुश रहते हैं
दर्द हमारा समझते हैं
अबके देखो क्या करते हैं
कुछ दर्द हमारे लेते हैं
या कुछ दर्द हमें देते हैं
आस है लगी बहुत
इसी आस पर हम जीते हैं
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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