कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Sunday, December 28, 2014
एक जो हमने कहा और दूसरा जो हम कह न सके !!
कलम से____
तेरे और मेरे बीच में फासले की बस दो वजह रही,
एक जो हमने कहा और दूसरा जो हम कह न सके !!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with
Puneet Chowdhary
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Arun Kumar Singh
,
Kalpana Chaturvedi
,
Dhiraj Kumar
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Harihar Singh
बहुत सुन्दर
December 27 at 7:31pm
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Deobansh Dubey
बहुत अच्छा है!
December 27 at 7:44pm
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Puneet Chowdhary
Lovely
December 27 at 7:52pm
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Ram Saran Singh
बड़ी ऊँची बात है । यह कम लिखा ज़्यादा समझने वाला मामला है आदरणीय । धन्यवाद ।
December 27 at 8:29pm
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Puneet Chowdhary
Just revisiting these lines.Very philoshpical and meaningful
December 27 at 8:51pm
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Ajay Kr Misra
बहुत खूब,
अनुपम अभिव्यक्ति।
श्री राधे राधे।
Yesterday at 12:15am
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BN Pandey
jubaa ko bund karo yaa mujhe ashir karo mere khayaal ko beri pinhaa nahi sakate.....
Yesterday at 9:50am
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Rajan Varma
फ़ासले ही बनाने थे, तो बहाने की क्या ज़रुरत थी,
तुम तो जानती हो कि मैं सही वक्त पर सही बात कभी कह ही नहीं पाया!!!
Yesterday at 10:27am
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Dinesh Singh
-बहुत ही खूब-
Yesterday at 10:45am
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Sp Tripathi
कुछ कही कुछ अनकही के दरम्यान ज़िन्दगी गुज़र गयी ।
Yesterday at 10:50am
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Neeraj Saxena
Bahut khoob
Yesterday at 11:25am
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SN Gupta
वाह वाह
Yesterday at 11:47am
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आशीष कैलाश तिवारी
उ वा ह्... मिर्जा असदुल्ला,,,,,,, गालिब मुकर्रर.. मुकर्रर
Yesterday at 11:55am
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S.p. Singh
शुक्रिया शुक्रिया।
20 hrs
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S.p. Singh
20 hrs
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Lata Yadav
अअत्यंत मर्मस्पर्शी
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S.p. Singh
धन्यवाद ।
19 hrs
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