Saturday, December 6, 2014

काटों से भरा यह रास्ता जानेमन तुम्हारे ही घर का है !!!

कलम से____
हमारे पाँव के छालों से ही हुआ है लहूलुहान,
काटों से भरा यह रास्ता जानेमन तुम्हारे ही घर का है !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary and आशीष कैलाश तिवारी.
Like ·  · 

No comments:

Post a Comment