Thursday, December 4, 2014

आपाधापी जीवन की

कलम से_____
आपाधापी जीवन की
समाप्ति पर जब आती है
सही मायने में 
जिन्दगी तब शुरू होती है !!
आराम से रहना
हमें आता नहीं
रोने रुलाने से
फुर्सत है मिलती नहीं !!
कुछ नहीं होता
हम अगल बगल से
दुख उधार ले लेते हैं
खुशियों से दूर भागते रहते हैं !!
वक्त की राह चलो यारो
जो कुछ है पास तुम्हारे
बांट कर उसे देखो यारो
कभी जंगल की ओर चलो यारो
पहाड़ पर चढ़ सीना खोल हँसो यारो
बचीखुची है जोभी अब
यह मान जियो यारो
आना है अब दुबारा यहाँ नहीं
जो भी है उसको जियो यारो !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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  • Harihar Singh बहतरीन अंदाज।सुन्दर प्रस्तुति।See Translation
  • S.p. Singh शुक्रिया हरिहर भाई।
  • S.p. Singh Thanks Neelesh.
  • Sp Dwivedi SUNDER ABHIVYAKTI.
  • Ajay Kr Misra खूबसूरत भावपूर्ण
    अनुपम सन्देश।
    वक्त का हर शैह गुलाम।
    शुभ प्रभात, सर।
    See Translation
  • Ram Saran Singh जीवन जीने का सद्विचार बहुत सुंदर बन पड़ा । धन्यवाद ।
  • Jitendra Kakkar Sahib vaktvy
  • Dinesh Singh बहुत ही शानदार रचनाSee Translation
  • Jitendra Kakkar सही वक्तव्यSee Translation
  • BN Pandey ART OF LIVING
  • S.p. Singh अपने सभी मित्रों का हार्दिक आभार।
  • Rajan Varma सत्य कथन; जब आपाधापी समाप्त हुई (आज हम उम्र के जिस पड़ाव पर हैं) तो समझ में आये ज़िन्दगी के मायने; तब समझ में आता है कि अब तक क्या खोया, क्या पाया; चिन्तन करने पर एक बात तो शीशे की तरह साफ़ दिखती है- कि अब वोह समय आ गया है अपनी आख़िरी चाल चलने का; सही चाल चल दी तो निश्चित ही 'शह अौर मात्' हो जायेगी हमारे प्रतिद्वन्दी (मन) की; अौर कहीं ग़फ़लत में चाल उलट चल दी, तो वही राह पकड़ लेंगे जिस पर हमारे अौर संगी-साथी, रिश्तेदार हमें छोड़ कर चल चुके हैं; 
    आज हम उस दौर में हैं- कि सिवाय आत्म-चिन्तन के अौर कोई चिन्तन नहीं होना चाहिये; बच्चे अपना मार्ग संचालन स्वयं करेंगे- उन्हे हमारे परामर्श की कतई आवश्यक्ता नहीं; ख़्वामख़्ाह नाक घुसायेंगे, तो सिवाये अपना सम्मान खोने के अौर कुछ हासिल नहीं होगा; अतः अब तो स्वयं को जानने अौर चेतनता के स्तर को उठाने का सुनहरी अवसर है- नहीं मिलेगा ऐसा अवसर बार-बार!!!
  • S.p. Singh बहुत बढिया राजन जी, मन खुश हो गया।
  • Sp Tripathi बहुत अच्छा और उपयोगी संन्देश है इस रचना में। कुछ सीखने एवं जानने के लिए ही तो हम आपकी रचनाएँ पढ़ते है ।See Translation
  • Deobansh Dubey बहुत अच्छा!
  • SN Gupta बहुत खूब वाह वाह
    5 hrs · Unlike · 1

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