Thursday, December 4, 2014

भला अपनों से भी कोई रूठा करता है।

कलम से____
अपने दिल को समझाओ यारा,
भला अपनों से भी कोई रूठा करता है।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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