Thursday, December 4, 2014

नींद।

कलम से____
नींद।
अब तो तुम टुकड़ो में आती हो,
कभी दुपहर
कभी शाम को
और फिर रात को
आज आओगी,
तो पूछूँगा इसका सबब क्या है।
कल मिलते हैं, तो बताते हैं कि क्या हुआ हम दोनों के दरमियान ....
शुभ रात्रि।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Puneet Chowdhary.
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