कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Wednesday, December 24, 2014
हँसती है दुनियां, तब कोई रोता है किसी के कपोल पर रुक कर, एक आँसू हँसता है !!!
कलम से_____
हँसती है दुनियां, तब कोई रोता है
किसी के कपोल पर रुक कर, एक आँसू हँसता है !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with
Puneet Chowdhary
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Kunwar Krishna Srivastava
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BN Pandey
,
Lalji Bagri
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Sp Dwivedi
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सुप्रभात ,मंगलमय हो मंगलवार
घर में हो खुशियों ..... का संचार
December 16 at 8:02am
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Ram Saran Singh
महोदय जब आँसू हँसें तो अंदर बहुत गहरा दर्द छिपा होता है । भावपूर्ण पंक्तियों के लिए धन्यवाद ।
December 16 at 8:12am
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Jitendra Kakkar
दर्द को खूब बयाँ करते है।
December 16 at 8:14am
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Rp Singh
sundar
December 16 at 8:28am
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Jitendra Kakkar
December 16 at 8:53am
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Ajay Kr Misra
शुभ प्रभात्, सर।
कोमल भावोँ का सुन्दर चित्रण
किया है, आपने।
December 16 at 9:10am
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Edited
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