कुछ मेरी, कुछ तेरी !
Wednesday, December 24, 2014
फिक्र ही फिक्र दे गया
कलम से____
फिक्र ही फिक्र दे गया
मुझे बेहाल कर अकेला ही चला गया !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with
Puneet Chowdhary
.
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Kunwar Krishna Srivastava
,
Surinder Gera
,
BN Pandey
and
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Amrendra Mishra
Beautiful lines
December 15 at 6:44pm
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Ram Saran Singh
अकेले का दर्द बयाँ करती रचना थोड़े में बहुत कुछ कह रही है । " कैसे कट सकेंगे ज़िंदगी के ये सफ़र, जब तुम ही इस सफ़र में मेरे हम सफ़र नहीं" । धन्यवाद महोदय ।
December 15 at 7:03pm
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Ajay Kr Misra
बिछड़ने से उठे टीस
पर खूबसूरत प्रस्तुति।
December 15 at 10:22pm
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Harihar Singh
सुप्रभात सुमंगलम् राधे राधे जी
December 17 at 4:09am
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BN Pandey
chal akelaa......chal akelaa.................
December 17 at 10:25am
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