चहकती तू रहे बुलबुल सी, दिल में खुमार आता है
तू ही है जान मेरी कुहू, तुझी पे प्यार आता है।
शरारत तेरा इठलाना, दहलकदमी मुझे भाती
तमन्नाओं का तू दर्पन, तेरा संसार भाता है।
लबों पे खिलखिलाती ये हंसी, कुर्वान होता हूँ
तुम्हारा देख ये बचपन मुझे भी याद आता है।
हमारी प्यारी सी कुहू को मुबारक साल कह देना
हरिहर प ग ला अंकल ये तुम्हें टोफी खिलाता है।
तू ही है जान मेरी कुहू, तुझी पे प्यार आता है।
शरारत तेरा इठलाना, दहलकदमी मुझे भाती
तमन्नाओं का तू दर्पन, तेरा संसार भाता है।
लबों पे खिलखिलाती ये हंसी, कुर्वान होता हूँ
तुम्हारा देख ये बचपन मुझे भी याद आता है।
हमारी प्यारी सी कुहू को मुबारक साल कह देना
हरिहर प ग ला अंकल ये तुम्हें टोफी खिलाता है।
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